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बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर शिवसेना में मतभेद

शिवसेना सांसद का बयान तब आया है जब अमित शाह का पलटवार करते हुए संजय राउत ने कहा था कि ‘हम बाघ का कलेजा रखते हैं.’

रौनक कुकड़े
पॉलिटिक्स
Published:
(फोटो: पीटीआई)
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(फोटो: पीटीआई)

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लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन किया जाए या नहीं, इसे लेकर अब शिवसेना में ही मतभेद खुलकर सामने आने लगे है.

महाराष्ट्र के शिरूर लोकसभा से शिवसेना सांसद और सीनियर नेता आढलराव पाटिल ने दिल्ली में कहा की शिवसेना के ज्यादातर सांसद बीजेपी के साथ गठबंधन के पक्ष में है. दोनों ही नेताओं ने कहा कि अगर बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं हुआ तो दोनों पार्टियों को नुकसान हो सकता है.

अमित शाह ने कहा उखाड़ फेकेंगे तो संजय राउत ने भी किया पलटवार

इतना ही नहीं आढलराव पाटिल का दावा है की गठबंधन को लेकर दोनों पार्टीयों के नेताओं के बीच चर्चा भी चल रही है. गौरतलब है की शिवसेना सांसद का ये बयान तब आया है जब सोमवार को महाराष्ट्र के लातूर में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था की अगर शिवसेना गठबंधन के लिए साथ आई तो ठीक नहीं तो उन्हें भी चुनाव में ‘उखाड़ फेकेंगे’.

उधर लोकसभा में शिवसेना के सांसद भले ही बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की बात कर रहे हो लेकिन शिवसेना नेता और राज्यसभा में पार्टी के ग्रुप लीडर संजय राउत अब भी बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं.

शिवसेना सांसद संजय राउत ने शाह के बयान पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया. राउत ने लिखा, ‘हम खोखली धमकियों से नहीं डरते. हम बाघ का कलेजा रखते हैं. ये दिखाने का समय आ गया है.’

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ये तो साफ है शिवसेना में बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर चुनाव से पहले ही पार्टी नेताओं में मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे है.

दरअसल, लोकसभा में जो शिवसेना के सांसद हैं वे दबी जुबान में पिछले कई महीनों से गठबंधन के पक्ष में होने की बात कह रहे थे लेकिन पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की कोई साफ भूमिका ना आने की वजह से लोगों में कंफ्यूजन बढ़ रहा है. शायद अब इस लिए कुछ सांसद अब हिम्मत कर मीडिया के सामने आने लगे है.

कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन है खतरा

शिवसेना और बीजेपी दोनों पार्टियों के नेताओं को इस बात की अच्छी तरह जानकारी है कि साथ आना समय की मजबूरी है और साथ नहीं रहे तो चुनाव में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें है, कांग्रेस और एनसीपी साथ चुनाव लड़ रहे है. ये बात भी अब लगभग तय हो चुकी है इस लिए हिंदू वोटों का बंटवारा रोकना है तो साथ आने के बिना कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

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