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नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाली बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई पर पार्टी चुप है. गोडसे को देशभक्त बताने पर 17 मई को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रज्ञा ठाकुर को नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब मांगा था. 27 मई को ये डेडलाइन खत्म हो गई लेकिन बीजेपी की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई की कोई खबर नहीं है.
द टेलीग्राफ ने पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से कहा है कि बीजेपी की अनुशासनात्मक कमेटी लगभग निष्क्रिय है. ओडिशा के गवर्नर गणेशी लाल इसके अध्यक्ष हैं. टेलीग्राफ ने कमेटी के दो लोगों से ठाकुर प्रज्ञा के खिलाफ कार्रवाई के पार्टी के ऐलान के बारे में बात करनी चाहिए लेकिन दोनों ने इस बारे में किसी जानकारी से इनकार किया.
गोडसे को देशभक्त बताने पर 17 मई को अमित शाह ने बीजेपी की ओर से प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ नोटिस जारी किया था. उन्होंने दस दिन में जवाब देने को कहा था. शाह ने कहा था कि प्रज्ञा का बयान निजी था. उन्होंने माफी भी मांग ली है लेकिन उनकी टिप्पणी सार्वजनिक जीवन और पार्टी की विचारधारा और शिष्टाचार के खिलाफ है. इसलिए उन्हें नोटिस जारी किया गया है.
प्रज्ञा के अलावा कर्नाटक से बीजेपी के सांसद नलिन कुमार कतिल और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े को भी पार्टी ने नोटिस जारी किया था. कतिल ने गोडसे की तुलना राजीव गांधी से की थी और हेगड़े ने ट्वीट कर गोडसे की करतूत का समर्थन किया था. हालांकि हेगड़े ने बाद में अपना ट्वीट हटा लिया था. प्रज्ञा ठाकुर ने पहले गोडसे को देशभक्त करार दिया था. लेकिन हंगामा होने पर माफी मांग ली थी. लेकिन इस बीच विपक्षी दलों के दबाव में 17 मई को बीजेपी ने प्रज्ञा के साथ ही कतिल और हेगड़े को दस दिन में जवाब देने के लिए नोटिस दिया था.
पीएम ने प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर कहा था कि वह दिल से उन्हें कभी माफ नहीं कर पाएंगे. लेकिन पिछले शनिवार को ठाकुर पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में पीएम मोदी का अभिवादन करती दिखीं. पीएम ने भी उनका मुस्कुरा कर अभिवादन किया.
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Published: 28 May 2019,12:24 PM IST