Home News Politics ‘RSS वाले चुनाव में मेहनत नहीं कर रहे,जिससे मोदी के पसीने छूट रहे’
‘RSS वाले चुनाव में मेहनत नहीं कर रहे,जिससे मोदी के पसीने छूट रहे’
मायावती ने सोमवार को कहा कि पीएम मोदी की नैया डूब रही है और कारण का दावा भी किया
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‘RSS वाले चुनाव में मेहनत नहीं कर रहे,जिससे मोदी के पसीने छूट रहे’
(फोटो: पीटीआई)
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बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला करते हुये कहा कि उनकी नैया डूब रही है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी उनका साथ छोड़ दिया है. मायावती ने सोमवार को एक के बाद एक ट्वीट कर लिखा है कि पीएम मोदी की नैया डूब रही है, क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी साथ छोड़ दिया है. मायावती ने लिखा की सरकार की वादाखिलाफी के कारण जनविरोधी है और इसी वजह से RSS कार्यकर्ता मेहनत करते नजर नहीं आ रहे हैं.
पीएम श्री मोदी सरकार की नैया डूब रही है, इसका जीता-जागता प्रमाण यह भी है कि आरएसएस ने भी इनका साथ छोड़ दिया है व इनकी घोर वादाखिलाफी के कारण भारी जनविरोध को देखते हुए संघी स्वंयसेवक झोला लेकर चुनाव में कहीं मेहनत करते नहीं नजर आ रहे हैं जिससे श्री मोदी के पसीने छूट रहे हैं.
मायावती, अध्यक्ष, बीएसपी
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मायावती ने पीएम के 'चौकीदार' कैंपेन पर चोट करते हुए कहा है कि देश ने अबतक कई सेवक, मुख्य सेवक, चायवाला और चौकीदार के तौर पर देखा है, अब देश को पीएम चाहिए.
जनता को बरगलाने के लिए देश ने अबतक कई नेताओं को सेवक, मुख्य सेवक, चायवाला व चौकीदार आदि के रूप में देखा है. अब देश को संविधान की सही कल्याणकारी मंशा के हिसाब से चलाने वाला शुद्ध पीएम चाहिए. जनता ने ऐसे दोहरे चरित्रों आदि से बहुत धोखा खा लिया है अब आगे धोखा खाने वाली नहीं है.
मायावती, अध्यक्ष, बीएसपी
नेताओं द्वारा मंदिरों में पूजा-पाठ और उसके प्रचार को लेकर भी मायावती भड़की नजर आईं. उन्होंने लिखा कि आम जगहों पर जाकर पूजा-पाठ करने वाले नेताओं पर रोक लगनी चाहिए. बता दें कि इस चुनाव में पीएम मोदी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे बड़े-बड़े नेता मंदिरों में जाते भी दिखे और पूजा-पाठ भी करते नजर आए.
साथ ही किसी भी उम्मीदवार को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में चुनाव प्रचार पर बैन लगाने के दौरान यदि वह आम स्थान पर मन्दिरों आदि में जाकर पूजा-पाठ आदि करता है व उसे मीडिया में बड़े पैमाने पर प्रचारित किया जाता है तो उस पर भी रोक लगनी चाहिये. आयोग इसपर भी कुछ कदम जरूर उठाए.
मायावती, अध्यक्ष, बीएसपी
रोडशो व जगह-जगह पूजा-पाठ एक नया चुनावी फैशन बन गया है जिसपर भारी खर्चा किया जाता है. आयोग द्वारा उस खर्चे को प्रत्याशी के खर्च में शामिल करना चाहिये और यदि किसी पार्टी द्वारा उम्मीद्वार के समर्थन में रोडशो आदि किया जाता है तो उसे भी पार्टी के खर्च में शामिल किया जाना चाहिये.
मायावती, अध्यक्ष, बीएसपी
बता दें कि एसपी-बीएसपी मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में मायावती-अखिलेश दोनों ही बीजेपी-कांग्रेस दोनों के खिलाफ हमलावर नजर आ रहे हैं.