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बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने भीम आर्मी द्वारा सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से लड़ने के लिए भेजा गया संयुक्त रणनीति का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया है. बीएसपी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्र शेखर 'आजाद' द्वारा मायावती को लिखे गए एक पत्र को 'दलितों के मध्य भ्रम पैदा करने वाला' बताया.
उन्होंने कहा कि भीम आर्मी के दुष्प्रचार के जवाब में बीएसपी ने उत्तर प्रदेश के दलित बहुल इलाकों में पहले से ही जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा कि राज्य और जिला इकाई के नेताओं को निर्देशित किया गया है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को चंद्रशेखर की दलितों को बांटने की योजना के बारे में जागरूक करें.
हालांकि, मायावती ने पहले ही इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि अगर भीम आर्मी या कोई भी दलित संगठन वास्तव में समुदाय को सशक्त बनाने के लिए काम करना चाहते हैं, तो उन्हें बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और बसपा के संस्थापक कांशी राम द्वारा शुरू किए गए आंदोलन को बीएसपी की अगुआई में आगे लेकर जाना चाहिए.
वहीं चंद्र शेखर द्वारा मायावती को बुआ कहे जाने पर बीएसपी सुप्रीमो ने साफ कर दिया था कि उनका चंद्र शेखर के साथ कोई संबंध नहीं है.
इससे पहले भी लोकसभा अभियान के दौरान मायावती ने दलितों को भीम आर्मी को लेकर सावधान किया था.
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