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देश के 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव (By Election 2024) के नतीजे आ गए हैं. लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election) के बाद एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रतिष्ठा दांव पर थी, तो दूसरी तरफ विपक्षी इंडिया गुट के लिए यह लिटमस टेस्ट कहा जा रहा था.
उपचुनाव में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है. पश्चिम बंगाल की तीन सीटें पार्टी के हाथ से निकल गई है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने क्लीन स्वीप किया है. दूसरी तरफ कांग्रेस का भी ग्राफ बढ़ा है. हिमाचल, उत्तराखंड से लेकर तमिलनाडु तक 'INDIA' गुट का जादू चला है.
13 सीटों में से कांग्रेस और TMC ने 4-4 सीटों पर जीत दर्ज की है
बीजेपी के खाते में दो सीट आई है, बंगाल में तीन सीटों का नुकसान हुआ है
BJP में निर्दलीय और दूसरी पार्टी से आए 6 नेताओं में से 4 हार गए
AAP, DMK और निर्दलीय को 1-1 सीट मिली है
NDA की ओर से BJP 13 में से 9 हारी, सहयोगी दलों ने दो सीटें गंवाई
पहले इन 13 सीटों में से BJP ने 3 और कांग्रेस ने 2 पर जीत दर्ज की थी. 8 सीटें अन्य पार्टियों को मिली थी.
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को दोहराते हुए 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की है. वहीं बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है.
कोलकाता की मानिकतला, नदिया की राणाघाट दक्षिण, उत्तर 24 परगना की बागदा और उत्तर दिनाजपुर जिले की रायगंज सीट पर उपचुनाव हुए.
2021 विधानसभा चुनाव में कोलकाता की मानिकतला सीट को छोड़कर बीजेपी ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि, उपचुनाव में बीजेपी के हाथ से तीनों सीट निकल गए हैं.
मानिकतला: सुप्ती पांडे ने BJP के कल्याण चौबे को 62,312 वोटों से हराया
राणाघाट दक्षिण: मुकुट मणि अधिकारी ने BJP के मनोज कुमार बिस्वास को 39 हजार वोटों से हराया
बागदा: मधुपर्णा ठाकुर ने BJP के बिनय कुमार बिस्वास को 33 हजार वोटों से हराया
रायगंज: कृष्णा कल्याणी ने BJP के मानस कुमार घोष को 50 हजार वोटों से हराया
क्विंट हिंदी से बातचीत में स्तंभकार और रिसर्चर सायंतन घोष कहते हैं, "उपचुनाव के ट्रेंड को देखें तो वोटर्स का रुझान ज्यादातर सत्ताधारी दल के साथ ही रहता है. टीएमसी ने अभी लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है, इसके साथ ही प्रदेश में उसकी सरकार भी है."
बीजेपी की हार की वजह बताते हुए घोष आगे कहते हैं,
चुनाव में CAA का मुद्दा भी नहीं चला. दरअसल, मतुआ समुदाय CAA को लेकर बीजेपी का समर्थन करता आया है. टीएमसी ने बागदा सीट से संप्रदाय की प्रतिद्वंद्वी शाखा की सदस्य मधुपर्णा ठाकुर को मैदान में उतारा था, जिन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को हराया है.
हिमाचल प्रदेश की 3 सीटों में से 2 पर कांग्रेस और 1 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. देहरा विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर जीतने में सफल रहीं. उन्होंने बीजेपी के होशियार सिंह को 9,939 वोटों हराया है.
वहीं नालागढ़ में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के करीबी बावा हरदीप 8,990 वोट से जीत गए हैं. उन्होंने बीजेपी के केएल ठाकुर को हराया है. इस सीट पर बीजेपी का खेल निर्दलीय प्रत्याशी हरप्रीत सैनी ने खराब किया है. तीसरे नंबर पर रहे सैनी को 13,025 वोट मिले है.
बता दें कि इन तीनों सीटों पर निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के बाद उपचुनाव की नौबत आई. दरअसल, निर्दलीय विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को वोट देने के बाद अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था और बाद में पार्टी में शामिल हो गए थे. पार्टी ने तीनों को उपचुनाव में टिकट दिया था. हालांकि, इनमें से दो को हार का सामना करना पड़ा.
जानकारों की मानें तो उपचुनाव में कांग्रेस की जीत ने सीएम सुक्खू की साख को मजबूत किया है. वहीं लोकसभा चुनाव में प्रदेश की चारों सीट जीतने वाली बीजेपी को बहुत फायदा नहीं हुआ है.
वरिष्ठ पत्रकार अरुण उनियाल कहते हैं, "उपचुनाव के नतीजे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस पार्टी के लिए संजीवनी साबित हुए हैं. जनता ने अपने जनादेश से स्थिर सरकार गिराने की विपक्ष की कोशिश को अस्वीकार किया है."
हार-जीत के कारणों के सवाल पर वे कहते हैं,
उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में काबिज बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. दोनों सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. मंगलौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने कड़े मुकाबले में बीजेपी के करतार सिंह भड़ाना को 422 वोटों से हराया है.
गौरतलब है कि वोटिंग के दिन इस विधानसभा क्षेत्र से हिंसा की खबरें आई थी. बीजेपी कार्यकर्ताओं पर मुस्लिम वोटर्स को मतदान से रोकने और मारपीट के आरोप लगे थे.
वहीं बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने बीजेपी के राजेंद्र भंडारी को 5,224 वोटों से हराया है. बद्रीनाथ सीट इससे पहले भी कांग्रेस के ही खाते में थी. लेकिन राजेंद्र भंडारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिस वजह से यह सीट खाली हुई थी. उपचुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर बीजेपी को मात दी है.
बिहार की रुपौली सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ है. यहां निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जेडीयू और आरजेडी को पीछे छोड़ते हुए जीत हासिल की है.
इस बार शंकर सिंह ने 8,246 वोटों से जीत दर्ज की है. जेडीयू के कलाधर मंडल दूसरे नंबर पर रहे जबकि इस सीट से 5 बार की विधायक रही बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं. पिछली बार के मुकाबले उनके वोट शेयर में भारी गिरावट हुई है.
गौरतलब है कि बीमा भारती के आरजेडी में शामिल होने की वजह से यह सीट खाली हुई थी. बीमा भारती ने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन वहां भी वह तीसरे नंबर पर रहीं. पप्पू यादव ने निर्दलीय जीत दर्ज की थी.
दूसरी तरफ NDA निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह के प्रभाव को भांप नहीं पाई. बता दें कि 2010 से लेकर अब तक शंकर सिंह इस सीट से तीन बार निर्दलीय और दो बार लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े चुके हैं.
इसके साथ ही वे कहते हैं कि ये दोनों पार्टियों के लिए एक चेतावनी भी है.
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट जीतने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस नेता कमलनाथ के गढ़ में एक बार फिर सेंध लगाई है. अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. 16 साल बाद पार्टी की वापसी हुई है.
कांग्रेस से बीजेपी में गए कमलेश शाह ने धीरन शाह को 3,027 वोटों से हराया है. काउंटिंग के दौरान काफी उलटफेर देखने को मिला. पहले तीन राउंड तक बीजेपी आगे रही. फिर 17वें राउंड तक कांग्रेस ने लीड ले ली. हालांकि, अंत में बीजेपी ने बाजी मारी.
इसके साथ ही उपचुनाव में कांग्रेस को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से भी नुकसान हुआ है. तीसरे नंबर पर रही जीजीपी के उम्मीदवार को 28,723 वोट मिले हैं.
कांग्रेस का वोट शेयर 9 फीसदी गिरा है. जो कि बीजेपी और जीजीपी में शिफ्ट होता दिख रहा है. दोनों पार्टियों के वोट शेयर में क्रमशः 3 और 6 की बढ़ोतरी हुई है.
पंजाब की जालंधर पश्चिम सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) के मोहिंदर भगत ने बीजेपी के शीतल अंगुरल को करीब 37 हजार वोटों से हराया है. पहले यह सीट AAP के पास थी और शीतल यहां से विधायक थे लेकिन वह बीजेपी में शामिल हो गए जिसके बाद यहां उपचुनाव हुआ.
तमिलनाडु की विकरावंडी सीट पर सत्ताधारी डीएमके ने जीत हासिल की है. डीएमके के अन्नियुर शिवा ने पट्टाली मक्कल काची पार्टी (PMK) के अन्बुमणि.सी को 67 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. इसी के साथ डीएमके ने दोबारा इस सीट पर कब्जा जमा लिया है.
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