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नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक में राज्यों ने विकास के कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. साथ ही राज्यों ने अपनी मांग रखते हुए नीति आयोग से प्रदेश की जरूरत के मुताबिक योजनाएं तैयार करने पर जोर दिया. बैठक में आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने विशेष राज्य की मांग रखी, जिसपर उन्हें बिहार के सीएम नीतीश कुमार का साथ मिला. नीतीश कुमार ने कहा, ‘’बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को देश के दूसरे राज्यों के स्तर पर लाने की जरूरत है. नीति आयोग को इस बात का आकलन करना चाहिए कि विशेष राज्यों की जरूरत के हिसाब से कैसे योजनाओं को चलाए जाए''.
चंद्रबाबू नायडू का समर्थन कर नीतीश कुमार ने फिर जाहिर कर दिया है कि वो एनडीए में रहकर भी हर बात पर हां में हां नहीं मिलाने वाले हैं. पिछले कुछ महीनों से नीतीश कुमार ने कई मुद्दों पर एनडीए और बीजेपी से अलग राय रखी.
बैठक में अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू ने स्मार्ट सिटी के लिये पूर्वोत्तर राज्यों के मामले में वित्त पोषण जरूरतों में छूट देने पर जोर दिया.
खांडू ने ईटानगर में एयरपोर्ट के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के लिये स्मार्ट सिटी के लिये वित्त पोषण में 90:10 का अनुपात रख्नने की बात कही. साथ ही अरूणाचल प्रदेश के लिये आईएएस, आईपीएस, आईएफएस के लिये अलग कैडर की मांग की.
कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी ने किसानों की कर्जमाफी की उनकी सरकार की योजना में 50 फीसदी मदद करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है. कुमारस्वामी ने कहा , ‘‘ किसानों के कर्ज का मसला हमारे दिमाग में है. मेरी सरकार इस समस्या को सुलझाने के लिए तैयार है और मैं केंद्र सरकार से इसमें सहयोग का आग्रह करता हूं. ''
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में लगभग 85 लाख किसानों पर बैंकों का कृषि कर्ज है. उन्होंने कहा, ‘‘ लगातार सूखे के कारण किसानों का संकट और भी गंभीर होता जा रहा है. मेरा केंद्र सरकार से आग्रह है कि हमारी कर्ज माफी योजना में वो 50 फीसदी की मदद करे.''
किसानों की कर्जमाफी की योजना की घोषणा करने के लिए कुमारस्वामी पर जबरदस्त दवाब है. उनकी पार्टी जेडीएस ने विधानसभा चुनावों के दौरान कर्ज माफी का वादा किया था. कुमारस्वामी ने 30 मई को कहा था कि उनकी सरकार किसानो की दो चरणों में कर्जमाफी योजना 15 दिन के भीतर लागू करेगी. ये समय सीमा 15 जून को खत्म हो गई.
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Published: 17 Jun 2018,06:14 PM IST