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2019 के आम चुनावों से पहले बीजेपी विरोधी दलों को एक मंच पर लाकर महागठबंधन खड़ा करने की रस्साकशी जारी है. कांग्रेस की कोशिशें धीमी पड़ीं, तो आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. चंद्रबाबू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद कहा कि देश को BJP से बचाना हमारा लक्ष्य है.
विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिशों में वह हफ्तेभर में दूसरी बार दिल्ली दौरे पर हैं. गुरुवार को उन्होंने राजधानी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की.
लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन या यूं कहे कि बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों की कवायद तेज हो गई है. टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की. इस मौके पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी अाजाद भी मौजूद थे.
इस मुलाकात के बाद नायडू ने कहा,
चंद्र बाबू नायडू ने कहा, “CBI से लकेर RBI तक सब कुछ बुरे दौर से गुजर रहा है. देश बुरे दौर से गुजर रहा है. हम सब एक दूसरे से मिलकर आगे की तैयारी के लिए मिल रहे हैं. हमे इपने देश के भविष्य को बचाना है. बीजेपी के खिलाफ हम सब साथ खड़े हैं.”
चंद्रबाबू नायडू का हफ्ते भर में यह दूसरा दिल्ली दौरा है. इससे पहले वह बीते 27 अक्तूबर को दिल्ली पहुंचे थे. तब उन्होंने बीएसपी चीफ मायावती, समाजवादी नेता शरद यादव, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला समेत विपक्षी दलों के अन्य नेताओं से मुलाकात कर महागठबंधन पर मंथन किया था.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा था कि विपक्षी दलों की राजनीतिक और वैचारिक मजबूरियां हो सकती हैं लेकिन उन्हें लोकसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए 'क्या सही है' इस आधार पर आगे बढ़ना होगा.
नायडू ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि लोग धोखा महसूस कर रहे हैं और विपक्षी दलों को देश के समग्र हित में साथ आने के रास्ते तलाशने चाहिए.
नायडू ने बीते 27 अक्तूबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव से मुलाकात की थी. उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी सरकार के खिलाफ महागठबंधन खड़ा करने के अपने प्रयास में यह मुलाकात की थी.
नायडू से जब यह पूछा गया कि क्या वह तीसरे मोर्चे के संयोजक हो सकते हैं, इस पर नायडू ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, हालांकि उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकारों ने अच्छा काम किया है और उनकी नीतियां बहुत स्पष्ट थीं.
राष्ट्रीय मोर्चा और संयुक्त मोर्चे की सरकारों समेत केंद्र में गठबंधन की सरकारों के बारे में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार चला रहे हैं लेकिन यह राष्ट्र के लिए बहुत खराब है.
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