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सीएम के लिए चुना गया तब मेरे पास एक जोड़ी कपड़े थेः योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- एक जैसी होती है सूर्य नमस्कार और नमाज की प्रक्रिया

अंशुल तिवारी
पॉलिटिक्स
Updated:
लखनऊ में योग गुरु रामदेव के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटोः Twitter)
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लखनऊ में योग गुरु रामदेव के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटोः Twitter)
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लखनऊ में योग महोत्सव को संबोधित करने के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में बीजेपी की ओर से उन्हें सीएम पद के लिए चुने जाने को लेकर पहली बार सार्वजनिक बयान दिए. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें सीएम फेस का खुलासा होने के एक दिन पहले ही पता चला था कि सूबे की बागडोर उन्हें संभालनी है. और जब उन्हें जिम्मेदारी संभालने की जानकारी मिली तब उनके पास सिर्फ एक जोड़ी कपड़े ही थे.

उन्होंने कहा कि सूबे में बहुमत मिलने के बाद भी पार्टी को सीएम का चेहरा तय करने में हफ्ते भर का वक्त लगा. क्योंकि पार्टी के पास मनोज सिन्हा और केशव प्रसाद मौर्या जैसे दिग्गज चेहरे थे, जिन पर विचार चल रहा था.

उन्होंने कहा कि लोग साधु-संतों को भीख तक नहीं देते हैं, लेकिन मेरी पार्टी और पीएम मोदी ने मुझे पूरा उत्तर प्रदेश सौंप दिया है.

मुझे अमित शाह जी ने एक दिन पहले ही बताया कि आपको मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना है. मेरे पास उस समय सिर्फ एक जोड़ी कपड़े थे. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहूं. सोचा, अगर मना करता हूं तो लोग कहेंगे कि पलायन कर गए. यूपी के भ्रष्टाचार से, क्राइम से, कुशासन से, चुनौतियों से डरकर पीछे हट गए तो मैंने सोचा चलो कोई बात नहीं, हम तो वैसे भी योगी हैं. कपड़ों का क्या है.
<b>योगी आदित्यनाथ, सीएम, उत्तर प्रदेश</b>

सूर्य नमस्कार से मिलता-जुलती है नमाज

योग महोत्सव को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि साल 2014 से पहले तक योग को भारत में सांप्रदायिकता के नजरिए से देखा जाता था. लेकिन साल 2014 के बाद पीएम मोदी ने योग को दुनिया तक पहुंचाया.

सीएम योगी ने कहा- सूर्य नमस्कार की पूरी प्रक्रिया को अगर देखें तो पाएंगे कि मुस्लिम बंधु जो नमाज पढ़ते हैं उससे वो मिलती जुलती है. दोनों बिल्कुल एक जैसी हैं लेकिन उन्हें जोड़ने का प्रयास नहीं किया गया क्योंकि जो लोग सत्ता में थे उन्हें योग की नहीं, भोग की आदत थी.

योगी ने कहा कि शारीरिक व्यायाम फिटनेस देता है लेकिन एक समय के बाद यह शारीरिक और फिर मानसिक रूप से कमजोर कर देता है. लेकिन योग करने वाला व्यक्ति प्रारंभ से अंतिम समय तक स्वस्थ रहता है उन्होंने कहा कि केवल प्राणायाम को योग न मानें, ये किसी जाति, उम्र, लिंग का मोहताज नहीं होता. योग की तमाम क्रियाएं बैठे-बैठे, चलते-चलते ही की जा सकती हैं.

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Published: 29 Mar 2017,07:33 PM IST

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