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मुलायम परिवार में मची रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पहले चाचा शिवपाल हठ पर अड़े रहे और अब भतीजे अखिलेश भी झुकने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि शिवपाल के ताजा बयान को देखते हुए माना जा रहा है कि सुलह के रास्ते खुल सकते हैं, और अगर अखिलेश ने भी नरमी दिखाई तो समाजवादी पार्टी में सबकुछ ठीक हो सकता है.
बताया जा रहा है कि बैठक में सीएम अखिलेश यादव के न आने और पार्टी में चल रहे मौजूदा हालातों को लेकर शिवपाल भावुक भी हो गए. इस दौरान शिवपाल ने कहा कि अगर उनके प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहने से किसी को कोई दिक्कत है तो वह पद छोड़ भी सकते हैं.
चाचा शिवपाल यादव के तेवर भले ही नरम पड़ते दिख रहे हैं. लेकिन अखिलेश फिलहाल झुकने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. यही वजह है कि अखिलेश बुलाने के बावजूद भी पार्टी जिलाध्यक्षों की बैठक में नहीं पहुंचे. पार्टी की रजत जयंती की तैयारियों को लेकर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने सभी जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई थी. गुरुवार को शिवपाल इस बैठक में शामिल होने के लिए सीएम अखिलेश को बुलाने उनके सरकारी आवास पर भी गए थे. लेकिन फिर भी अखिलेश इस बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचे.
करीब महीने से चले आ रहे पारिवारिक घमासान के बाद बीती 17 अक्टूबर को लखनऊ में पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश और भाई शिवपाल को बुलाकर बैठक की. माना जा रहा है कि पार्टी समर्थकों के दो धड़ों में बंटने के बाद अब अखिलेश अपनी मांगों को लेकर जिद पर अड़े हैं. सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने सपा सुप्रीमो के सामने ये तीन शर्तें रखीं हैं और वह इससे कम पर मानने को तैयार नहीं हैं.
शुक्रवार दोपहर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के साथ हुई बैठक के बाद अब सीएम अखिलेश ने भी पार्टी जिलाध्यक्षों को बैठक के लिए बुलाया है. अखिलेश यादव ने तीन नवंबर से समाजवादी विकास रथयात्रा निकालने का ऐलान किया है. माना जा रहा है कि अखिलेश रथयात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक में चर्चा करेंगे. वहीं शनिवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी जिलाध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे.
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Published: 21 Oct 2016,09:15 PM IST