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नागरिकता संशोधन बिल (CAB) को लेकर सरकार और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस आमने-सामने हैं. इसके अलावा अन्य दल भी इस बिल पर अपना-अपना स्टैंड ले रहे हैं. सोमवार को बीजेपी की पुरानी सहयोगी शिवसेना ने निचले सदन लोकसभा में विधेयक का समर्थन कर सबको चौंका दिया था.
लोकसभा से CAB पास हो चुका है और अब इसे राज्यसभा के टेस्ट से गुजरना है. ऐसे में सबकी नजर शिवसेना पर है कि अब वह राज्यसभा में CAB पर क्या फैसला लेगी. उधर, महाराष्ट्र में सहयोगी कांग्रेस ने शिवसेना को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर वोटिंग से पहले चेताया है.
राज्यसभा में वोटिंग से पहले महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने शिवसेना को नसीहत दी है.
बता दें, लोकसभा में बिल का समर्थन करने को लेकर संभवतः शिवसेना को महाराष्ट्र में उसके सहयोगी दलों से शिकायत मिली थी. इसी के चलते शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा था कि शिवसेना राज्यसभा में तब तक नागरिकता (संशोधन) विधेयक का समर्थन नहीं करेगी, जब तक कि पार्टी द्वारा लोकसभा में उठाए गए सवालों का जवाब नहीं मिल जाता.
उद्धव ठाकरे के ताजा बयान पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा था कि अगर शिवसेना नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में अपना रुख बदलती है तो वह इसका स्वागत करेगी.
इससे पहले नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर निशाना साधा था. फडणवीस ने कहा था कि क्या शिवसेना पर कांग्रेस की ओर से कोई दबाव है?
दरअसल, लोकसभा में शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया था. लेकिन इसके बाद यू-टर्न ले लिया. अब शिवसेना ने कहा है कि वह इस बिल से असहमत है. अब वोटिंग से पहले कांग्रेस नेता ने शिवसेना को संविधान का हवाला दिया है.
मंगलवार को सदन में शिवसेना सांसद संजय राउत ने नागरिक संशोधन बिल पर जमकर सरकार पर हमला बोला, राउत ने कहा- सदन में जो बिल का समर्थन करेगा वह देशभक्त और जो नहीं करेगा, वह देशद्रोही होंगे ऐसा मैंने पढ़ा है. उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान नहीं भारत की संसद है. राउत ने कहा कि विधेयक धर्म नहीं है, हम कितने हिंदू है इसका प्रमाण देने की जरूरत नहीं है. लेकिन मानवता के आधार पर इस पर चर्चा होनी चाहिए.
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