Home News Politics UP में 38 % लोगों के पास नहीं हैं जरूरी कागज: NPR-NRC पर कांग्रेस
UP में 38 % लोगों के पास नहीं हैं जरूरी कागज: NPR-NRC पर कांग्रेस
कांग्रेस ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर बोला हमला
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पॉलिटिक्स
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कांग्रेस ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर बोला हमला
(फोटो: Twitter)
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कांग्रेस ने एनआरसी और एनपीआर को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार को घेरने की कोशिश की. इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि हमें पीएम मोदी या बीजेपी से राष्ट्रभक्ति के लिए प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि एनपीआर-एनआरसी की बात हो रही है लेकिन अकेले यूपी में ही 38 प्रतिशत लोगों के पास जरूरी कागज नहीं हैं.
शर्मा ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनआरसी-एनपीआर और नागरिकता को लेकर देश की सरकार ने इतना बड़ा विवाद खड़ा किया. उन्होंने आगे कहा-
“सरकार ने जानबूझकर एक चिंगारी छोड़ी है, जिससे देश में असुरक्षा का वातावरण है. भारत में नागरिकता देने का प्रावधान है. पहले भी कई बार कई लोगों को नागरिकता दी गई. लेकिन कभी भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया गया. इसकी इजाजत संविधान भी नहीं देता है.”
पीएम मोदी ने कहा कि कभी एनआरसी की चर्चा ही नहीं हुई. लेकिन 2014 से लेकर अब तक सरकार ने 9 बार इसका जिक्र किया है.
हमारी कैबिनेट ने 2010 में जनगणना का फैसला किया था, तब क्या कोई सड़कों पर उतर कर आया था? क्योंकि ये काम जिम्मेदारी से किया गया. जनता का विश्वास तोड़कर कुछ करेंगे तो उसका विरोध होगा.
2010 में जो जनगणना हुई थी, उसमें 8 मानक और बढ़ा दिए गए हैं. लोगों से पासपोर्ट मांगे जा रहे हैं. जबकि 4 प्रतिशत लोगों के पास ही पासपोर्ट है.
जिसके पास संपत्ति नहीं है तो वो कौन सी संपत्ति का कागज देंगे. जिसने कभी स्कूल नहीं देखा वो कहां से सर्टिफिकेट देंगे?
प्रधानमंत्री विविधता में एकता का नारा तो लगाते हैं लेकिन इसे अपनाते नहीं हैं. विदेश में वसुधेव कुटुंबकम कहते हैं, लेकिन उसका पालन नहीं करते.
पीएम मोदी जी एक तरफ बात मत कीजिए, मन की बात मत कीजिए जनता की भी बात सुन लीजिए. अगर आपको चर्चा करनी है तो स्थान तय कर लीजिए हम तैयार हैं.
पहले तय किए गए मानकों पर ही जनगणना होनी चाहिए. उत्तर प्रदेश में ही 38 प्रतिशत लोगों के पास जरूरी कागजात नहीं हैं. कहते हैं डिटेंशन सेंटर नहीं हैं. लेकिन डिटेंशन सेंटर के लिए सैकड़ों करोड़ों रुपये दिए गए हैं.