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बाड़मेर रिफाइनरी के शिलान्यास का श्रेय लेने के सवाल पर कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग काफी तेज हो गई है. कांग्रेस ने कहा है कि सोनिया गांधी 2013 में ही बाड़मेर में रिफाइनरी का 2013 में शिलान्यास कर चुकी हैं. फिर नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करके श्रेय लूटने की कोशिश क्यों कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जनवरी को राजस्थान के बाड़मेर में लगाई जाने वाली 90 लाख टन क्षमता की रिफाइनरी का शिलान्यास करने वाले हैं लेकिन कांग्रेस का कहना है मोदी राजस्थान में चुनाव का फायदा लेने के लिए दोबारा शिलान्यास करने जा रहे हैं.
राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत ने कहा है कि बीजेपी मोदी से रिफाइनरी की शिलान्यास करवा कर चुनावी फायदा लेना चाहती है. राज्य में 29 जनवरी को दो लोकसभा सीटों और एक विधानसभा सीट पर चुनाव होने हैं. दोबारा शिलान्यास का मकसद चुनावी फायदा लेना है. दरअसल वसुंधरा सरकार ने इस परियोजना को लटका दिया. अगर उसने वक्त पर इजाजत दी होती तो राज्य सरकार का 6000 करोड़ रुपये बचता.
गहलोत के इस जवाब में बीजेपी नेता और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 2013 में कांग्रेस का रिफाइनरी का शिलान्यास करना एक चुनावी स्टंट था. हमने यहां हिन्दुस्तान पेट्रोलियम से दोबारा सौदा कर रिफाइनरी लगाने का फैसला किया है और इससे हमने राजस्थान सरकार का 40,000 करोड़ रुपये बचाया है.
राजस्थान बीजेपी ने कहा है वसुंधरा राजे सरकार ने बाड़मेर में 2004 में रिफाइनरी लगाने का प्रस्ताव किया था लेकिन यूपीए सरकार ने इसे तवज्जो नहीं दी. बीजेपी के बाड़मेर जिला प्रभारी महेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि अगर यूपीए सरकार ने उस समय अनुमति दे दी होती तो यह एक साल पहले तैयार हो जाती.
इससे पहले वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा था कि रिफाइनरी से बाड़मेर की तस्वीर बदल जाएगी और यहां लोगों को बड़ी तादाद में नौकरियां मिलेंगी. उन्होंने बाड़मेर के लोगों से कहा कि पीएम के शिलान्यास समारोह में इतनी बड़ी भीड़ जुटाओ कि सारे रिकार्ड टूट जाएं.
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