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लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का एक बार फिर दर्द छलका है. राहुल गांधी ने पार्टी की युवा इकाई के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात के दौरान कहा है कि उन्हें इस बात का दुख है कि उनके पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश के बाद भी कुछ मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को अपनी जवाबदेही का अहसास नहीं हुआ.
सूत्रों के मुताबिक गांधी ने अपने आवास पर बुधवार को भारतीय युवा कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात की और इस्तीफे देने के निर्णय पर कायम रहने का अपना रुख दोहराया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी प्रमुख नहीं रहते हुए भी सक्रिय भूमिका निभाते रहेंगे.
एक विश्वस्त सूत्र ने बताया-
बता दें, गांधी की यह टिप्पणी इस मायने में अहम है कि 25 मई को हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जाहिर की थी.
सूत्र के मुताबिक गांधी ने यह भी कहा-
सूत्र ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने यह भी कहा कि बुजुर्ग नेताओं को अब अपने भविष्य की चिंता नहीं है, बल्कि युवाओं को चिंता है इसलिए अब कांग्रेस में भविष्य 45 साल से कम उम्र के नेताओं का है.’’
बता दें, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि, कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था. इसके बाद से गांधी लगातार इस्तीफे की पेशकश पर अड़े हुए हैं. हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया है कि वह कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें.
(इनपुटः भाषा)
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