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कर्नाटक का राजनीतिक घमासान अब गोवा और बिहार की तरफ रुख करता दिख रहा है. कर्नाटक में राज्यपाल ने बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सरकार बनाने का न्योता दिया, तो अब कांग्रेस और आरजेडी ने इसी तर्ज पर गोवा और बिहार में राज्यपाल के सामने अपना दावा पेश करने की कवायद शुरू कर दी है. इसके अलावा कर्नाटक इफेक्ट की वजह से मणिपुर और मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री भी राज्यपाल से मिल सकते हैं.
कांग्रेस का कहना है कि कर्नाटक में अगर सबसे बड़ी पार्टी होने के आधार पर बीजेपी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया है, तो गोवा में कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए था. कांग्रेस के गोवा प्रभारी चेल्ला कुमार गुरुवार को गोवा जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चेल्ला कुमार अगले दिन शुक्रवार को गोवा के राज्यपाल से सबसे बड़ी पार्टी होने की तर्ज पर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. यदि जरूरत पड़ी तो कांग्रेस राज्यपाल के सामने विधायकों की परड़ भी करा सकती है.
बता दें, साल 2017 में गोवा में विधानसभा चुनाव हुए थे. 40 सीटों में से कांग्रेस ने 18 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी. लेकिन राज्यपाल ने दूसरे नंबर की पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था, जिसके पास 13 सीटें थीं. बीजेपी ने दूसरी पार्टी के साथ मिलकर राज्यपाल के सामने बहुमत साबित कर दिया था.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि मौजूदा जेडीयू-बीजेपी सरकार को भंग कर कर्नाटक की तर्ज पर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी को सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए. तेजस्वी यादव शुक्रवार को दोपहर 1 बजे बिहार के राज्यपाल से मुलाकात करेंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा, "कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या के विरोध में शुक्रवार को पटना में आरजेडी का एक दिवसीय धरना होगा. हम राज्यपाल महोदय से अपने अधिकार की मांग करेंगे. मैं बीजेपी की तर्क पर यह दावा ठोक रहा हूं."
बता दें, साल 2015 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे. लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी सबसे ज्यादा 80 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रुप में उभरी थी. लेकिन आज बिहार में बीजेपी-जेडीयू की गठबंधन सरकार है.
कर्नाटक में राज्यपाल का सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के बाद मणिपुर और मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री भी राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं. मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह और मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा ने शुक्रवार को राज्यपाल से मीटिंग करने के लिए समय मांगा है.
बता दें, कांग्रेस ने मणिपुर (2017) में 60 सीटों में से 28 सीटें जीती थी, जबकि मेघालय (2018) में 60 सीटों में 21 सीटें जीती थी.
कर्नाटक में दूसरे और तीसरे नंबर की पार्टी कांग्रेस-जेडीयू ने मिलकर 116 सीटों के साथ राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. लेकिन राज्यपाल वजुभाई वाला ने सबसे बड़ी पार्टी बीजेेपी को पहले सरकार बनाने का न्योता दिया. साथ ही पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का वक्त भी दिया. यहां तक कि गुरुवार सुबह 9 बजे बीजेपी के सीएम उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली.
कर्नाटक में मंगलवार को नतीजों में त्रिशंकु विधानसभा का जनादेश आया. बीजेपी को 104 सीटें, कांग्रेस को 78 सीटें और जेडीएस को 38 सीटें हासिल हुई हैं.
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Published: 17 May 2018,04:49 PM IST