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कांग्रेस नेतृत्व अब एक्शन 'मोड' में हैं. चिट्ठी विवाद केबाद पार्टी अब संसद के मॉनसून सत्र की तैयारी में जुट गई है. साथ ही इस बात के भी साफ-साफ संकेत दिए गए हैं कि 'चिट्ठी विवाद' को भुला दिया गया है, कांग्रेस ने संसदीय मामलों को देखने के लिए जो 10 मेंबर वाली कमेटी बनाई है, उसके लीडर बनाए गए हैं गुलाम नबी आजाद. डिप्टी लीडर हैं आनंद शर्मा. इन दोनों के नाम विवाद में भी सामने आए थे. ऐसे में संकेत है कि पार्टी उसे भूलकर सोनिया गांधी के नेतृत्व में आगे बढ़ चुकी है और कुछ बदलाव के मूड में भी है.
इससे पहले कांग्रेस ने सरकारी अध्यादेशों पर पार्टी का रुख साफ करने के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी का ऐलान किया था और अब ये 10 सांसदों का ग्रुप बनाया गया है. इसमें पांच राज्यसभा सांसदों और पांच लोकसभा सांसदों को शामिल किया गया है.
पार्टी ने गौरव गोगोई को लोकसभा में अपने डिप्टी लीडर के तौर पर नियुक्त किया है, लोकसभा में कांग्रेस के लीडर हैं अधीर रंजन चौधरी. वहीं रवनीत सिंह बिट्टू को लोकसभा में पार्टी का व्हिप नियुक्त किया गया है.
इससे एक दिन पहले कांग्रेस की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी हुआ था, जिसमें बताया गया था कि पार्टी की तरफ से पांच सदस्यों की कमेटी गठित की गई है, जो संसद में सरकार की तरफ से रखे जाने वाले अध्यादेशों पर पार्टी का रुख बताएंगे. इस पांच सदस्यीय कमेटी में कांग्रेस के सीनियर नेता पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, डॉ. अमर सिंह और गौरव गोगोई शामिल हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया था कि,14 सितंबर से लेकर 1 अक्टूबर तक संसद का मानसून सत्र बुलाया जाएगा. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसे लेकर अंतिम फैसला हुआ. साथ ही ये भी तय किया गया है कि 18 दिनों के इस मानसून सत्र में कोई भी वीकली ऑफ या अन्य छुट्टी नहीं होगी. हालांकि इसे लेकर अंतिम फैसला सर्वदलीय बैठक में होगा.
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Published: 27 Aug 2020,10:25 PM IST