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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद राज्य के बारे में सरकार की तरफ से जो भी बताया जा रहा है वो धोखा है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का माहौल बेहद डरावना है और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद केंद्र का रवैया जम्मू-कश्मीर के लिए तानाशाही हो गया है.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात सामान्य होने की बात कही जा रही है लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में लोग मांग-मांगकर खाना खाने के लिए मजबूर हैं.
आजाद का दावा है कि उनके कश्मीर दौरे के वक्त जो भी शख्स उनसे मिलने आता था, उसे डराया जाता था. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ये कोशिश थी कि लोग मिल न पाएं.
प्रशासन ने प्रयास किया कि लोग मुझसे मिल न पाएं. न मुझे कहीं जाने दिया गया, यहां तक कि घर भी दो दिन बाद जाने दिया गया. गेस्ट हाउस के दरवाजे पर एक बड़ा कैमरा लगा हुआ था. इससे बड़ा उत्पीड़न नहीं हो सकता.
कश्मीर में चार दिन रहकर वहां से आने के ठीक बाद उन्होंने कहा था, ‘‘मैं घाटी में ठहरने के दौरान जिन स्थानों पर जाना चाहता था, उसके 10 प्रतिशत स्थानों पर भी प्रशासन ने मुझे जाने नहीं दिया.’’आजाद का दौरा तब मुमकिन हुआ, जब 16 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने उन्हें राज्य जाने की अनुमति दी थी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कांग्रेस नेता को चार जिलों - श्रीनगर, जम्मू, बारामुला, अनंतनाग में लोगों से मिलने की अनुमति दी थी.
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