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पिछले करीब ढ़ाई महीने से किसान कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद आंदोलन ने एक नया रूप लिया और किसानों का जमकर समर्थन मिलना शुरू हो गया. जगह-जगह लगातार महापंचायतें बुलाई जा रही हैं, जिसमें कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास हो रहे हैं. अब किसानों की इस एकजुटता के साथ कांग्रेस ने भी कंधे से कंधा मिलाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के तमाम नेता या तो खुद महापंचायत बुला रहे हैं, या फिर किसानों की महापंचायतों में शामिल हो रहे हैं.
अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जा रही हैं. जहां वो 10 जनवरी को चिलखाना में होने वाली किसान महापंचायत में हिस्सा लेंगीं. न्यूज एजेंसी एएनआई ने कांग्रेस सूत्रों के हवाले से बताया है कि प्रियंका गांधी पहले शकुंभरा देवी मंदिर में दर्शन करने जाएंगीं और उसके बाद वो महापंचायत में हिस्सा लेंगीं. इसके अलावा बताया गया है कि प्रियंका सहारनपुर के बाद 13 फरवरी को मुजफ्फरनगर और बिजनौर में भी किसानों के साथ बातचीत कर सकती हैं.
इससे पहले प्रियंका गांधी ने यूपी के मृतक किसानों के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात भी की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि, बीजेपी सरकार किसानों पर जुल्म कर रही है, उनको कुचलने का और बदनाम करने का पाप कर रही है. लेकिन यूपी कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता किसानों के साथ खड़ा है.
अगर बात किसान महापंचायतों की करें तो कांग्रेस नेता लगातार किसानों के बीच पहुंच रहे हैं. पहले गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर पहुंचकर और अब महापंचायतों का सहारा लिया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कृषि कानूनों के बारे में ज्यादातर किसान नहीं जानते हैं, इसीलिए उन्हें जागरुक करने की जरूरत है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी खुद 12 और 13 फरवरी को राजस्थान में किसानों को लेकर कई रैलियां करेंगे. राहुल गांधी कृषि कानूनों को लेकर किसानों की जनसभाओं में जाएंगे और उन्हें इसके बारे में जानकारी देंगे.
इसके अलावा यूपी और अन्य राज्यों में भी कांग्रेस नेता लगातार एक्टिव हैं, किसानों की जनसभा में पहुंचकर उन्हें समर्थन दिया जा रहा है और कानूनों को वापस लेने की बात हो रही है. कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दल भी किसानों के साथ खड़े होने की बात कर रहे हैं. हालांकि सत्ता में बैठी बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल किसानों के सहारे अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का काम कर रहे हैं.
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