मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019CWC के बाद मीठी-मीठी बातें, लेकिन कांग्रेस में बाकी है कड़वाहट?

CWC के बाद मीठी-मीठी बातें, लेकिन कांग्रेस में बाकी है कड़वाहट?

कांग्रेस नेतृत्‍व पर चिट्ठी लिखने वाले कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एक्शन?

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
कांग्रेस में क्या सब ठीक है?
i
कांग्रेस में क्या सब ठीक है?
(फोटो: क्विंट हिंदी

advertisement

कांग्रेस में नेतृत्व का सवाल उठाने वाले नेताओं पर क्या गाज गिरने लगी है? क्या पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेटर लिखने वाले 23 बड़े नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि कांग्रेस ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों के लिए एक-एक ग्रुप का गठन किया है. जिसमें कई ऐसे नाम नहीं हैं जिन्होंने पार्टी नेतृत्व को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी.

कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों में सही तरीके से कामकाज और बेहतर समन्वय के लिए गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा के लिए ग्रुप बनाए हैं. इन दो ग्रुप में दोनों सदनों के पांच-पांच नेता शामिल होंगे.

क्या इन ग्रुप के सहारे कोई संदेश दिया जा रहा है?

राज्यसभा के लिए जो ग्रुप बनाया गया है कि उसमें गुलाम नबी आजाद, पार्टी के डिप्टी लीडर आनंद शर्मा के साथ अब सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल, पार्टी के कोषाध्‍यक्ष केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश को शामिल किया गया है. रमेश को राज्यसभा में पार्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया गया है.

इन तीनों के समिति में आने से ये माना जा रहा है कि अभी तक राज्यसभा में कांग्रेस की बात रखने वाले आजाद और आनंद शर्मा पर नियंत्रण रखने के लिए इतना बड़ा समूह बनाया गया है.

दरअसल, गुलाम नबी आजाद उन 23 बड़े नेताओं में शामिल थे जिन्होंने पार्टी नेतृत्व को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. यही नहीं गुलाम नबी आजाद ने एक न्यूज एजेंसी से पार्टी के अंदर चुनावों का विरोध करने वाले नेताओं की आलोचना करते हुए कहा,

“जो लोग वफादारी का दावा कर रहे हैं, वे वास्तव में सस्ती राजनीति कर रहे हैं और पार्टी और राष्ट्र के हितों के लिए नुकसानदायक हैं. और अगर मेरी पार्टी अगले 50 साल तक विपक्ष में रहना चाहती है, तो पार्टी के अंदर चुनाव की कोई जरूरत नहीं है.’’

शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे नाम दरकिनार

लोकसभा के लिए भी कांग्रेस पार्टी ने ऐसी ही एक कमेटी बनाई है. इसमें शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे तेज तर्रार वक्ता की जगह गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले रवनीत सिंह बिट्टू को व्हिप और गौरव गोगोई को डिप्‍टी लीडर बनाया गया है. बता दें कि सोनिया गांधी को लेटर लिखने वाले 23 लोगों में शशि थरूर और मनीष तिवारी भी शामिल थे.

इस ग्रुप में अधीर रंजन चौधरी, के सुरेश, मणिकम टैगोर भी होंगे. फिलहाल अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं, जबकि के सुरेश चीफ व्हिप हैं.

कपिल सिब्बल के ट्वीट

इस बीच कपिल सिब्बल लगातार ट्वीट कर रहे हैं उन्होंने यूपी में जितिन प्रसाद को निशाना बनाए जाने की बात कही हैं. उन्होंने कहा है कि इसके बजाय पार्टी को बीजेपी को निशाना बनाना चाहिए. उन्होंने एक और ट्वीट किया है जिसमें लिखा है ये पद नहीं राष्ट्र के बारे में है.

अब भले ही कांग्रेस ये दावा कर रही हो कि सोनिया गांधी के छह महीने के अंदर पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की बात से सारी परेशानी खत्म हो चुकी है और पूरा परिवार एक साथ है, लेकिन नेताओं के बयानों और संसद के लिए ग्रुप को देखकर कोई पूछ सकता है- पार्टी में ‘ऑल इज नॉट वेल’?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT