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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक हुई. इस बैठक के बाद सोनिया गांधी ने नागरिकता कानून को भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी बताते हुए प्रदर्शन में जान गंवाने वाले लोगों के लिए चिंता जताई. साथ ही उन्होंने सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई की जांच के लिए एक हाई-पावर कमीशन का गठन करने की मांग की.
सोनिया गांधी ने कहा, "हम उन लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं जिन्होंने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान अपनी जान गंवाई और घायल हो गए. हमें यूपी राज्य सरकार या दिल्ली के राज्यपाल से न्याय की उम्मीद नहीं है. इसलिए हम मांग करते हैं कि सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई की जांच के लिए एक व्यापक उच्चाधिकार आयोग का गठन किया जाए."
सोनिया गांधी ने कहा कि सीएए एक भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून है. उन्होंने कहा, "संसद के शीतकालीन सत्र में कड़े विरोध के बावजूद नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित किया गया, जो हमारे सामने एक बड़ा मुद्दा है. इस कानून का उद्देश्य हर देशभक्त, सहिष्णु और धर्मनिरपेक्ष भारतीय के लिए स्पष्ट है- भारतीय लोगों को धार्मिक आधार पर विभाजित करना है."
सोनिया गांधी ने कहा, 'कुछ राज्यों में स्थिति चिंताजनक है, राज्यों को पुलिस राज्यों में बदला जा रहा है. खास तौर से उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली को.'
सोनिया गांधी ने आगे कहा, 'यूपी के कई शहरों के साथ-साथ जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, गुजरात यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, जामिया मिलिया में पुलिस की ज्यादतियों और बल का इस्तेमाल किया जा रहा है.'
बता दें, दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पी चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद भी शामिल हुए. हालांकि राहुल गांधी को बैठक में नहीं देखा गया.
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Published: 11 Jan 2020,07:39 PM IST