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कांग्रेस ने रायबरेली सदर सीट से पार्टी विधायक अदिति सिंह को अनुशासनहीनता के मामले में कारण बताओ नोटिस दिया है. नोटिस में कहा गया है कि अदिति सिंह दो दिन के भीतर अपना जवाब दाखिल करें, अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनहीनता के मामले में कार्रवाई की जाएगी.
बता दें, अदिति सिंह पार्टी नेतृत्व से मिले निर्देशों को दरकिनार कर विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल हुई थीं. इतना ही नहीं, अदिति सिंह पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की अगुवाई में राजधानी लखनऊ में निकाली गई पदयात्रा में भी नहीं पहुंची थीं.
बता दें, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था. लेकिन कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर विशेष सत्र का बहिष्कार करने की अपील की थी. विधानसभा में कांग्रेस के नेता अजय कुमार 'लल्लू' ने सभी विधायकों से सदन में उपस्थित न होने का निर्देश दिया था.
इसके बावजूद रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल हुईं.
कांग्रेस विधायक अदिति सिंह न केवल विशेष सत्र में पहुंची, बल्कि उन्होंने अपने विचार भी रखे. अदिति ने कहा कि वह दलगत भावना से ऊपर उठकर राष्ट्रपिता के सम्मान में सदन में आई हैं.
सदन से बाहर निकलने के बाद उन्होंने कहा कि वह देशहित के मुद्दे पर पार्टी लाइन से हटकर चलती हैं. उन्होंने कहा, "मैंने अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर सरकार का स्वागत किया था. मेरे पिता ने जो मुझे सिखाया है, उस पर मैं अमल करती हूं."
अदिति ने आगे कहा था, "जब भी विकास के मुद्दों पर बात होती है, हमें चाहिए कि हम पार्टी लाइन से बाहर जाकर सोचें. मेरे सत्र में भाग लेने के चलते पार्टी कमान जो भी फैसला लेगी मैं उसे स्वीकार करूंगी, लेकिन अपने क्षेत्र के लोगों की सेवा करना हमेशा मेरी प्राथमिकता रहेगी."
योगी सरकार ने गुरुवार को कांग्रेस विधायक अदिति सिंह को 'वाई'-श्रेणी की सुरक्षा दे दी. अदिति सिंह ने पार्टी लाइन से इतर जाकर विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लिया था. इसके 24 घंटे से भी कम समय के भीतर राज्य सरकार ने उन्हें 'तोहफा' देते हुए उनकी सुरक्षा वाई-श्रेणी की कर दी.
अदिति सिंह रायबरेली सदर सीट से राज्य विधानसभा में अपने क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं और उनका क्षेत्र कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में पड़ता है.
उन्होंने रायबरेली में खुद पर हमले की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी और इस बाबत सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी.
अदिति सिंह साल 2017 के विधानसभा चुनाव में रायबरेली सदर सीट से पहली बार कांग्रेस विधायक चुनी गई हैं. उनके पिता अखिलेश सिंह भी कई बार विधायक रह चुके थे. पिछले दिनों उनके निधन पर शोक जताने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ भी रायबरेली स्थित उनके आवास पर गए थे, तभी से अदिति का रुख बदला-बदला बताया जा रहा है.
हालांकि, सितंबर, 2016 में अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह कांग्रेस में शामिल हुईं. इस दौरान अखिलेश सिंह की कांग्रेस में वापसी हुई. चुनाव में अखिलेश सिंह के रसूख के चलते रायबरेली में सदर से कांग्रेस को एकतरफा वोट मिलता था, जो सोनिया गांधी की जीत का अंतर बढ़ा देता था. लेकिन कुछ दिन पहले ही बीमारी के चलते अखिलेश सिंह का निधन हो गया. अब बीजेपी अदिति सिंह को अपने पाले में लाकर कांग्रेस को मात देने की कोशिश में है.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से जल्द ही दो विधायक BJP में शामिल हो सकते हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा की कुल 403 सीटों में से कांग्रेस के पास सात विधायक हैं, जिसमें से दो विधायक रायबरेली से हैं.
सूत्रों के अनुसार, दोनों विधायक निष्कासित होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उनकी सदस्यता रद्द न की जा सके. कांग्रेस विधायक फिलहाल इस्तीफा देकर अपनी-अपनी सीटों से दोबारा चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक नहीं दिख रहे हैं. रायबरेली से कांग्रेस के दो विधायकों में अदिति सिंह और राकेश सिंह हैं.
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Published: 04 Oct 2019,07:21 PM IST