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संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने गांधी परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के मुद्दे पर जमकर प्रदर्शन किया. सदन की बैठक शुरू होते ही सदन में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ये मुद्दा उठाया, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी.
कांग्रेस नेता इसके बाद अध्यक्ष के आसन के पास जाकर 'सुरक्षा के नाम पर राजनीति बंद करो', 'तानाशाही बंद करो', 'प्रधानमंत्री जवाब दो', 'हमें न्याय चाहिए' जैसे नारे लगाने लगे. इसके बाद उनके साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के सांसद भी नारेबाजी करने लगे.
इससे पहले चौधरी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा- की विशेष सुरक्षा हटाए जाने के गृह मंत्रालय के कदम पर लोकसभा में स्थगन नोटिस दिया था.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही जारी रखी और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के मुद्दे पर प्रश्नकाल शुरू कर दिया.
विपक्ष के विरोध प्रदर्शन जारी रखने पर बिड़ला ने उनसे सदन की कार्यवाही जारी रखने में सहयोग करने का आग्रह किया.
गांधी परिवार को दी गई स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा इसी महीने वापस ले ली गई थी और उन्हें केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) की जेड प्लस सुरक्षा दे दी गई थी.
एसपीजी सुरक्षा सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका के नई दिल्ली स्थित आवासों से हटा ली गई है.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को हुई हत्या के बाद गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा प्रदान की गई थी.
(आईएएनएस)
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