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राफेल डील पर अखबार ने सिर्फ आधा सच छापाः रक्षा मंत्री

रिपोर्ट का दावा- राफेल डील में PMO के ‘समानांतर बातचीत’ करने पर रक्षा मंत्रालय ने जताई थी आपत्ति

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पॉलिटिक्स
Updated:
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण
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रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण
(फोटोः ANI)

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राफेल डील विवाद को लेकर 'द हिंदू' में छपी रिपोर्ट पर बवाल बढ़ता जा रहा है. विपक्ष के लगातार तीखे हमलों के बीच रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए खास इंटरव्यू में विपक्ष और उस रिपोर्ट को छापने वाले जर्नलिस्ट एन राम पर कई सवाल उठाए.

रक्षा मंत्री ने एन राम पर सवाल उठाते हुए कहा, "क्या एक पत्रकार की जिम्मेदारी नहीं है कि कुछ भी पब्लिश करने से पहले सर्च कर लें? या कम से कम कहें कि हमने मंत्रालय से जवाब पाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया और इसलिए सिर्फ इतनी रिपोर्ट पब्लिश कर रहे हैं. असल में उन्होंने आधा सच पब्लिश किया है."

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रक्षा मंत्री ने कहा, "न्यूज पेपर ने तत्कालीन डिफेंस सेक्रेटरी के 5 नोट पब्लिश किए. उन्होंने पूरा काम नहीं किया. उनका फर्ज बनता है कि वो जो खुलासा कर रहे हैं उस खबर को आगे फॉलो भी करें."

राफेल डील से संबंधित उस न्यूज रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस मामले में दखलअंदाजी कर रहा था. इस पर रक्षा मंत्री ने कहा-

अगर पीएमओ किसी मामले पर पूछ रहा है कि क्या प्रोग्रेस है? मामला कहां तक पहुंचा? क्या ये फ्रांस में हो रहा है? क्या आप सभी अपने मकसद में कामयाब हो रहे हैं? तो इसे दखलअंदाजी नहीं कहते हैं, इसे मॉनिटरिंग कहते हैं.

सोनिया गांधी के अधीन थी 'NAC'

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनडीए अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि नेशनल एडवाइजरी काउंसिल सोनिया गांधी के अधीन थी. उन्होंने कहा, "मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहती हूं कि NAC क्या था? नेशनल एडवाइजरी काउंसिल सोनिया गांधी के अधीन थी. ये कोई संवैधानिक संस्था नहीं थी. ये पीएमओ को नियंत्रित करने वाला रिमोट था. क्या वो हस्तक्षेप था?"

निर्मला सीतारमण ने कहा, "राफेल डील पर आधा सच ही पब्लिश किया गया. मुझे शक है कि वो पाठक के मन में संदेह पैदा करना चाहते थे. ऐसा लगता है कि ये रिपोर्ट पाठकों के लिए नहीं, बल्कि इनमें कुछ कॉरपोरेट का हित छिपा है."

द हिंदू की रिपोर्ट में क्या है?

‘द हिंदू’ अखबार में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत और फ्रांस के बीच हुए 59,000 करोड़ रुपये के राफेल डील में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के ‘समानांतर बातचीत’ करने पर रक्षा मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई थी.

रिपोर्ट का हवाला देकर राहुल ने सरकार पर साधा निशाना

राफेल मामले में छपी रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस डील को लेकर मोदी ने फ्रांस के साथ समानांतर बातचीत की और उन्हें इस पर जवाब देना चाहिए.

राहुल ने कहा कि अब साफ है कि प्रधानमंत्री ने इस देश से चोरी की है. कांग्रेस अध्यक्ष के बयान के बाद बीजेपी के कई केंद्रीय मंत्रियों ने राहुल गांधी पर तीखा हमला किया.

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Published: 08 Feb 2019,09:13 PM IST

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