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पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस (Congress) महासचिव अजय माकन (Ajay Maken) ने कहा कि दिल्ली में रहने वाले उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट बिजली की औसत लागत सबसे अधिक है.
यह प्रतिक्रिया तब आई थी जब केजरीवाल ने सवाल किया था कि उत्तराखंड में बिजली इतनी महंगी क्यों है जबकि उत्तराखंड खुद बिजली पैदा करता है और इसे दूसरे राज्य को बेचता है.
द क्विंट से बात करते हुए अजय माकन ने पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन कि वर्ष 2018-19 के लिए 'परफॉर्मेंस ऑफ स्टेट पावर यूटिलिटीज' की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि दिल्ली में प्रति यूनिट बिजली की औसत लागत 6.90 ₹ प्रति किलोवाट आवर (kWh) के साथ सबसे महंगी है.
एकत्र किए गए वास्तविक रेवेन्यू की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह टैरिफ निर्धारण और 'टेक्निकल एंड कमर्शियल नुकसान' (AT&C) की कुल गणना में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. माकन ने कहा,
इसके अलावा 2001-03 तक दिल्ली सरकार में परिवहन और बिजली के कैबिनेट मंत्री रहे माकन ने 2017-18 के औसत प्रति यूनिट टैरिफ सब्सिडी के डेटा की ओर भी इशारा किया. दिल्ली में 2017-18 में यह 0.56₹/kWh जबकि पंजाब में 1.75₹/kWh था. 2018-19 में यही डेटा दिल्ली के लिए 0.54 ₹/kWh और पंजाब के लिए 1.82 ₹/kWh का रहा.
अगले साल की शुरुआत में पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 29 जून को पंजाब राज्य के लिए कई वादों की घोषणा की थी. इसमें उन्होंने कहा कि 'आप' के सत्ता में आने पर प्रत्येक घर को प्रतिमाह 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी.
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