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दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया. इसके साथ ही विधानसभा में दिल्ली सरकार ने किसान आंदोलन को समर्थन का प्रस्ताव भी किया. दिल्ली सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है. राज्य सरकार के मुताबिक ये कानून किसान विरोधी हैं. वहीं बीजेपी विधायकों ने सरकार के इस रवैए पर तीखी प्रतिक्रिया दी. सीएम अरविंद केजरीवाल और अन्य विधायकों ने विधानसभा के भीतर कृषि कानूनों की कॉपी फाड़ीं.
इन तीनों कानूनों को संसद द्वारा पारित किया गया है. केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती और एक अन्य विधायक मोहिंदर ने सदन के भीतर केंद्र सरकार के इन तीनों कानूनों की प्रतियों को फाड़कर अपना विरोध दर्ज कराया.
किसानों का समर्थन करते हुए दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने विधानसभा पटल पर कहा, "दिल्ली सरकार और ये विधानसभा, किसानों की तरफ से चलाए जा रहे आंदोलन का पूरी तरह समर्थन करती है. किसानों की सभी मांगे न्यायोचित हैं और किसानों को उनकी फसल का पूरा मूल्य मिलना चाहिए."
विधानसभा में सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के इन तीन कृषि कानूनों को लेकर कहा कि,
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने भी केंद्रीय कृषि कानूनों को मानने से इनकार कर दिया. आप विधायकों ने इन कानूनों की प्रति फाड़ने के बाद कहा कि हम इन कानूनों को मानने से इनकार करते हैं. ये काले कानून किसानों के हितों के खिलाफ हैं.
दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने कृषि कानूनों का विरोध करते हुए विधानसभा के अंदर कहा,
गहलोत ने कहा, "केंद्र सरकार ने किसानों को बंद करने के लिए दिल्ली के स्टेडियमों को जेल बनाने की अनुमति मांगी थी. हालांकि दिल्ली सरकार ने यह अनुमति देने से इनकार कर दिया. किसान बस अपनी फसल के लिए उचित मूल्य ही तो मांग रहे हैं. क्या किसानों को इतना अधिकार नहीं है कि वो अपनी फसल का उचित मूल्य मांग सके. किसान इतने दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही है."
वहीं वरिष्ठ बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने दिल्ली सरकार के इस रुख का विरोध किया. उन्होंने कहा, "दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को पंजाब और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव दिखाई पड़ रहे हैं, जिसके कारण वह कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. जिस समय ये बिल बनाए जा रहे थे, उस समय दिल्ली सरकार ने कोई विरोध क्यों नहीं किया."
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Published: 17 Dec 2020,04:58 PM IST