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दिल्ली में चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं. 8 फरवरी को वोट डाले जाने हैं, जिसके लिए उम्मीदवारों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है. लेकिन नई दिल्ली से बीजेपी के उम्मीदवार सुनील यादव ने एक दावा कर दिया है. बीजेपी ने उन्हें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के सामने मैदान में उतारा है. अब उन्होंने कहा है कि वो केजरीवाल को 25 हजार वोटों से हराएंगे.
सुनील यादव ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि केजरीवाल ने खुद को 'आम आदमी' कहकर विधानसभा क्षेत्र को बेवकूफ बनाया है. यादव ने कहा,
यादव ने आप नेता के खिलाफ चुनाव लड़ने में किसी भी तरह के भय से इनकार किया. यादव ने कहा, "हम शीला दीक्षित को हराने के लिए उतरे थे. अब मैं केजरीवाल को हराने के लिए आया हूं." बीजेपी के घोषणापत्र में स्थानीय मुद्दों के नहीं होने व राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने पर यादव ने कहा कि वह स्थानीय एजेंडे पर चुनाव लड़ रहे हैं. यादव ने कहा, "मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में झुग्गी झोपड़ी वाले इलाकों में रहने वाले लोगों के बारे में बात कर रहा हूं. मैं उनके पानी और बिजली के बिल के बारे में बात कर रहा हूं. नई दिल्ली को मुफ्त पानी और बिजली का लाभ नहीं मिला है. मैं उनके बारे में बात कर रहा हूं." उन्होंने कहा,
उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर जीएसटी रिटर्न के राज्य के हिस्से के रूप में अर्जित धन का दुरुपयोग अपने विज्ञापनों के लिए करने का आरोप लगाया. यादव ने कहा, "केजरीवाल ने विज्ञापनों पर 850 करोड़ रुपये खर्च किए, जो कि राज्य का जीएसटी रिटर्न का हिस्सा है."
2013 में केजरीवाल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को नई दिल्ली में चुनौती दी थी और जीत दर्ज की थी. केजरीवाल को 53.46 फीसदी वोट मिले थे, जबकि दीक्षित 22.23 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर रही थीं और इसके बाद विजेंद्र गुप्ता (बीजेपी) 21.68 फीसदी के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे. केजरीवाल मुख्यमंत्री बने, लेकिन 49 दिनों के बाद इस्तीफा दे दिया. अगले चुनावों में 2015 में केजरीवाल ने इसी सीट से 64.34 फीसदी वोट हासिल किए. उन्होंने दिल्ली बीजेपी की तत्कालीन प्रवक्ता नुपूर शर्मा को हराया था.
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