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दिल्ली अग्निकांड में 43 मजदूरों की मौत पर अब सियासत शुरू हो गई है. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि इलाके में बिजली की तार लटक रहे हैं लेकिन कई शिकायतों के बाद भी सरकारी एजेंसियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. कांग्रेस ने इस घटना के लिए आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और बीजेपी के नेतृत्व वाले नगर निगमों को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं आम आदमी पार्टी ने बीजेपी शासित दिल्ली एमसीडी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा, "केजरीवाल सरकार इसके लिए जिम्मेदार है. नगर निगम भी बीजेपी के तहत आते हैं. वो भी इसके लिए उतने ही जिम्मेदार हैं."
बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि ये दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आवासीय क्षेत्रों में चल रहे अवैध कारखानों के खिलाफ कार्रवाई करे और इस तरह की घटनाओं को रोके.
वहीं दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने मांग की कि केजरीवाल सरकार को इस तरह की घटनाओं को रोकने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का एक आपात सत्र बुलाना चाहिए. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पीड़ितों के परिवारों के लिए पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को इलाज के लिए 25-25 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की.
हालांकि केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कई बिंदुओं पर कमियों को स्वीकार करते हुए कहा कि सरकार विस्तृत रिपोर्ट लेने करने के बाद कमियों पर गौर करेगी, लेकिन ये समय भयावह आग से प्रभावित लोगों की मदद का है. उन्होंने भरोसा दिया कि सरकार ने इस तरह के अनधिकृत जगहों को विकसित करने के लिए कुछ फैसले लिए हैं.
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्डा ने भी कहा है कि ऐसे समय में सारे नेताओं को साथ खड़ा होकर उन परिवारवालों को साहस देना चाहिए. उन्होंने कहा कि लेकिन बीजेपी के नेता आरोप-प्रत्यारोप की राजनीतिक कर रहे हैं.
बता दें, अनाज मंडी में अग्निकांड के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी समेत कई नेता घटनास्थल पर पहुंचे. कुछ नेताओं ने अस्पताल में पहुंचकर भी घायलों का हाल जाना.
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने इस हादसे के लिए दिल्ली के बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, "मैं मौके पर गया, तारों के एक जाल को देखा. इसके लिए बिजली विभाग जिम्मेदार है. बिहार के मुख्यमंत्री हालात पर नजर बनाए हुए हैं और मेरा मानना है कि मृतकों की संख्या 43 को पार कर जाएगी."
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार हादसे में घायल हुए लोगों की पहचान करने का कोशिश कर रही है और मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी.
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Published: 08 Dec 2019,06:16 PM IST