मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019केजरीवाल सरकार और दिल्ली LG के बीच अब तक किन मुद्दों पर 'रार'-विवाद की वजह क्या?

केजरीवाल सरकार और दिल्ली LG के बीच अब तक किन मुद्दों पर 'रार'-विवाद की वजह क्या?

SC ने अपने आदेश में कहा-"यह सुनिश्चित करना होगा कि राज्यों का शासन संघ द्वारा अपने हाथ में न ले लिया जाए."

मोहम्मद साक़िब मज़ीद
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>दिल्ली सरकार-उपराज्यपाल के बीच अब तक किन-किन मुद्दों को लेकर हो चुका है विवाद?</p></div>
i

दिल्ली सरकार-उपराज्यपाल के बीच अब तक किन-किन मुद्दों को लेकर हो चुका है विवाद?

(Photo: Altered by Quint Hindi)

advertisement

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में 'प्रशासनिक सेवाओं पर किसका नियंत्रण होना चाहिए', इस पर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच हुए विवाद पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को फैसला सुनाया. इस फैसले में कोर्ट ने प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और माना कि नौकरशाहों पर उसका नियंत्रण होना चाहिए. इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि राज्यों के पास भी शक्ति है लेकिन राज्य की कार्यकारी शक्ति संघ के मौजूदा कानून के अधीन है. यह सुनिश्चित करना होगा कि राज्यों का शासन संघ द्वारा अपने हाथ में न ले लिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार के एक लोकतांत्रिक रूप में, प्रशासन की वास्तविक शक्ति सरकार की निर्वाचित शाखा पर होनी चाहिए. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ट्रांस्फर पोस्टिंग का अधिकार दिया है.

आइए जानते हैं कि दिल्ली सरकार और एलजी के बीच विवाद कब से शुरू हुआ और अब तक किन-किन मसलों लेकर तनातनी रह चुकी है.

कहां से शुरू हुआ विवाद?

2014 में आम आदमी पार्टी (AAP) के सत्ता में आने के बाद से, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शासन को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच लगातार सत्ता संघर्ष चल रहा था. दोनों पक्षों के परस्पर विरोधी हितों और मुखर कार्रवाइयों ने दिल्ली में शासन की गतिशीलता को आकार देते हुए एक लंबे विवाद को जन्म दिया.

दरअसल, सरकार और LG के बीच तकरार की सबसे बड़ी वजह 'दिल्ली का बॉस' कौन, इसी को लेकर सरकार और उपराज्यपाल में तनातनी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया.

अब तक कब किन-किन मुद्दों पर तनातनी, देखें टाइमलाइन

  • साल 2014 में AAP के सत्ता में आने के बाद से केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच विवाद चल रहा था.

  • साल 2015 में केजरीवाल ने एक आदेश दिया कि जमीन, पुलिस और कानून व्यवस्था से जुड़ी तमाम फाइलें पहले उनके पास आनी चाहिए और इसके बाद एलजी के पास भेजा जाएगा. इसके बाद तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग उपराज्यपाल ने इस आदेश को लागू करने से इनकार कर दिया था.

  • साल 2015 में अरविंद केजरीवाल ने शिकायत की थी कि उनको मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात चपरासी तक के तबादले का अधिकार नहीं है.

  • साल 2015 में सार्वजनिक जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर भी विवाद हुआ. इस दौरान उपराज्यपाल ने जरूरी बदलाव की सिफारिश करते हुए सरकार का प्रस्ताव लौटा दिया था.

  • केजरीवाल सरकार की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को लेकर भी एलजी के साथ विवाद हुआ था. इस दौरान सीएम ने आरोप लगाया था कि उपराज्यपाल का व्यवहार वायसराय की तरह है, उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने तक की फुर्सत नहीं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
  • जून 2015 में तत्कालीन एलजी नजीब जंग ने दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त एमके मीणा को भष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) का नया हेड बनाया. केजरीवाल ने इस फैसले का जोरदार विरोध किया था.

  • जून 2015 में दिल्ली सरकार ने गृह सचिव धर्मपाल को पद से हटा दिया था. इसके बाद एलजी नजीब जंग ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास गृह सचिव जैसे अधिकारी को हटाने का अधिकार नहीं है, वो पद पर बने रहेंगे.

  • जुलाई 2015 में दिल्ली सरकार ने स्वाति मालीवाल को दिल्ली महिला आयोग (DCW) का अध्यक्ष नियुक्त किया. इसके बाद एलजी नजीब जंग नियुक्ति की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए और उन्होंने कहा कि इस पर उनकी मंजूरी क्यों नहीं ली गई.

  • जून 2016 में उपराज्यपाल ने 'पानी के टैंकर घोटाला' मामले में दायर की गई शिकायतें ACB को भेजकर सीएम केजरीवाल और पूर्व सीएम शीला दीक्षित पर एफआईआर दर्ज की गई थी.

  • अगस्त 2016 में उपराज्यपाल ने स्वास्थ्य सचिव तरुण सीम और PWD सचिव सर्वज्ञ श्रीवास्तव का तबादला कर दिया है, जबकि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दोनों अध‍िकारियों को न हटाने के लिए उप राज्यपाल से मुलाकात भी की थी. इसके बाद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा कि मनीष LG के पैरों में पड़े कि मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल बनाने वाले सेक्रेटरीज को 31 मार्च तक ना हटाए, पर वो नहीं माने.

  • जुलाई 2022 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिंगापुर दौरे को मंजूरी नहीं मिली थी. उनकी इस मांग को एलजी वीके सक्सेना ने भी खारिज कर दिया है. सिंगापुर में मेयरों की एक अहम बैठक होनी है, केजरीवाल उसमें जाकर दिल्ली मॉडर पर बात करना चाहते थे.

  • जनवरी 2023 में ​दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना सक्सेना पर मोहल्ला क्लीनिक से जुड़े अधिकारियों को धमकाने का भी आरोप लगाया था. उन्होंने एलजी के नाम लिखे पत्र में एमसीडी चुनावों से पहले कथित तौर पर मोहल्ला क्लीनिक का पैसा रोकने वाले अधिकारियों को निलंबित करने और उनके खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने को कहा था.

  • पिछले दिनों दिल्ली के सरकारी स्कूल के टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने को लेकर भी एलजी और दिल्ली सरकार के बीच विवाद हुआ था. एलजी दफ्तर ने इस मामले की फाइल रोक ली थी, उसके बाद AAP सड़कों पर आ गई थी. इसके बाद इसी साल मार्च में इस प्रस्ताव पर उपराज्यपाल वीके सक्‍सेना ने मंजूरी दे दी थी.

  • इसके अलावा दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच विज्ञापनों को लकर भी विवाद हो चुका है. सरकारी विज्ञापनों का राजनीतिक इस्तेमाल करने के आरोप में दिल्ली सूचना एवं प्रचार निदेशालय (DIP) ने आम आदमी पार्टी को 163 करोड़ चुकाने का नोटिस थमा दिया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT