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मध्य प्रदेश के आरटीआई और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट को दिल्ली पुलिस के साइबर टीम ने भोपाल से गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार विरोधी पोस्ट लिखने के कारण 22 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया गया.
एक्टिविस्ट की पहचान अभिषेक मिश्रा (32 ) के रूप में की गई है, जो छतरपुर के रहने वाले बताये जाते हैं. अभिषेक भोपाल में एक सोशल मीडिया सर्विस कंपनी चलाते हैं. वह अपने परिवार के साथ भोपाल के कोह-ए-फिजा इलाके में पिछले कुछ सालों से रह रहे हैं.
पब्लिक रिलेशन विभाग की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट की स्पेशल टीम ने इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार के नेतृत्व में अभिषेक के आवास से 22 जनवरी को रात गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के एक दिन बाद जब अभिषेक का परिवार उन्हें ढूंढने में नाकाम रहा, तो उन्होंने भोपाल पुलिस को उनके लापता होने की सूचना दी.
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि उन्हें दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने अरेस्ट किया है. स्थानीय पुलिस का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने न तो उनके घर वालों को, न ही स्थानीय प्रशासन को इस गिरफ्तारी की कोई जानकारी दी थी.
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली की एक महिला ने अभिषेक पर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने से संबंधित शिकायत की थी. इसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. दिल्ली पुलिस ने बगैर मध्य प्रदेश पुलिस को बताये ही उसे धर दबोचा.
उनके सोशल मीडिया पोस्ट से ऐसा लगता है कि वो एनडीए सरकार की नीतियों, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी नेताओं, खासकर प्रधानमंत्री मोदी के आलोचक रहे हैं. देश में मचे 'हाहाकार' के लिए वो इन्हें जिम्मेदार मानते हैं.
इसके आलावा उनकी नजदीकी कांग्रेस पार्टी के नेताओं, खासकर राहुल गांधी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ दिखती है. इसकी तस्वीर उनके अकाउंट पर उपलब्ध है.
अभिषेक की गिरफ्तारी ने दिल्ली पुलिस और एमपी पुलिस के बीच विवाद को जन्म दे दिया है. मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने बुधवार को इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर साइबर पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही कहा कि इस घटना ने सुप्रीम कोर्ट के तय किये गए नियम-कानून का उल्लंघन किया है. गृह विभाग ने यह भी पूछा है कि आखिर किन आरोपों में अभिषेक की गिरफ्तारी की गई है?
गृह विभाग के उप सचिव ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर शिकायत की है कि ये सुप्रीम कोर्ट के गिरफ्तारी को लेकर निर्धारित गाइडलाइन्स का उल्लंघन है.
गाइडलाइन के मुताबिक, गिरफ्तारी से पहले दूसरे राज्य की पुलिस और आरोपी के परिवार वालों को जानकारी देना अनिवार्य होता है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अभिषेक को संबंधित अदालत में पेश करने के बाद पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है.
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