Home News Politics Droupadi Murmu के गांव मयूरभंज के ऊपरबेड़ा में जश्न, आतिशबाजी, पूजा पाठ
Droupadi Murmu के गांव मयूरभंज के ऊपरबेड़ा में जश्न, आतिशबाजी, पूजा पाठ
Droupadi Murmu ने इसी गांव से सातवीं तक की पढ़ाई की थी और फिर भुवनेश्वर चली गईं| Video
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Droupadi Murmu के गांव मयूरभंज,ओजिशा के ऊपरबेड़ा में जश्न
(फोटो:धनंजय सिंह/क्विंट)
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द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनने जा रही हैं. ऐसे में उनके गांव ऊपरबेड़ा में जश्न सा माहौल है. ऊपरबेड़ा ओडिशा के मयूरभंज में एक गांव हैं. द्रौपदी मुर्मू ने यहीं से सांतवी तक पढ़ाई की है.
क्विंट की टीम ऊपरबेड़ा गांव गई और देखा कि वहां क्या हो रहा है.
हमें गर्व है कि मेरी मां को भारत का प्रथम नागरिक होने का गौरव मिलने वाला है. यह उनके कठिन परिश्रम तथा सेवा भाव के प्रति समर्पण के कारण मिला है.
इतिश्री मुर्मू, द्रौपदी मुर्मू की बेटी
द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनने जा रही हैं, इसकी हमें बेहद खुशी है. उन्होंने इस छोटे से गांव से लेकर आज राष्ट्रपति पद तक का सफर तय किया है. इससे हम गांव वाले, परिवार वाले काफी खुश हैं. द्रौपदी मुर्मू ने इसी गांव से सातवीं तक की पढ़ाई की और फिर भुवनेश्वर गईं. वहां पढ़ाई पूरी करने के बाद शिक्षिका के तौर पर रायरंगपुर में काम किया फिर राजनीति में गईं.
दुलारी टुडू, द्रौपदी मुर्मू के भतीजे की पत्नी
हम प्यार से द्रौपदी मुर्मू को पुति के नाम से बुलाते हैं. आज यही हमारी बेटी देश की राष्ट्रपति बनने जा रही हैं. इसकी हमें बेहद खुशी है. खुशी को हम शब्दों में बयान नहीं कर सकते हैं.
सरस्वती टुडू, ऊपरबेडा - द्रोपदी मुर्मू की रिश्तेदार
द्रौपदी के लिए गर्व, सम्मान, और पूजापाठ
द्रौपदी मुर्मू राजनीति में आने के बाद भी और कई ऊंचे पदों पर रहने के बाद भी ऊपरबेड़ा में अपने पुराने पैतृक निवासी में रहती हैं. इस घर में फिलहाल पास पड़ोस और जानने वालों का तांता लगा हुआ है. ग्रामीणों ने मुर्मू के राष्ट्रपति चुनाव में कामयाबी के लिए पूजा पाठ भी की है. उनकी पड़ोसी दुली सोरेन कहती हैं-
हम सब ग्रामीण द्रौपदी मुर्मू के जीत के लिए हमारी पूजा स्थली जाहिरा में पूजा अर्चना कर रहे हैं. हमें विश्वास है कि द्रौपदी मुर्मू जरूर जीतेंगी और जीतने के बाद हमारे गांव आएंगी. हमें उनका इंतजार रहेगा.
मयूरभंज द्रौपदी की जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों
इलाके के पूर्व विधायक प्रह्लाद पूर्ति द्रौपदी मुर्मू को एक जुझारू और समाज के लिए समर्पित महिला के तौर पर याद करते हैं. उन्होने हमें बताया कि द्रौपदी के साथ उनके पारिवारिक संबंध हैं.
क्विंट की टीम से ऊपरबेड़ा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मनोरंजन मुर्मू भी मिले. उन्हें इस बात का गर्व है कि उनके स्कूल की एक स्टूडेंट देश की राष्ट्रपति बन रही है. द्रौपदी मुर्मू राजनीति में आने से पहले स्कूल में पढ़ाती थीं. उनके एक पूर्व छात्र उन्हें याद करते हुए कहते हैं- द्रौपदी मैम बहुत अच्छी थीं, जो बातें नहीं समझ नहीं आती थीं, उन्हें बार-बार समझाती थीं.
बता दें कि ये इलाका द्रौपदी मुर्मू की जन्मभूमि ही नहीं, कर्मभूमि भी रही है. वो झारखंड की राज्यपाल रहीं. खास बात ये है कि वो पहली महिला आदिवासी राज्यपाल थीं. अब पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनने जा रही हैं. वो 2010 में मयूरभंज (पश्चिम) की बीजेपी जिला अध्यक्ष रहीं. 2004-2009 के बीच रायरंगपुर से विधायक रहीं और 2000-2004 के बीच ओडिशा सरकार में मंत्री रहीं.