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संजय राउत पर ED का एक्शन, क्या है दादर के 55 लाख के फ्लैट का कनेक्शन?

Sanjay Raut से करीबी बिल्डरों पर चॉल की जमीन को रिडेवलप करने के नाम पर नया प्रोजेक्ट लॉन्च कर 138 करोड़ जुटाने का आ

ऋत्विक भालेकर
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>संजय राउत</p></div>
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संजय राउत

फाइल फोटो : Altered by Quint

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''मैं डरूंगा नहीं, झुकूंगा नहीं, चाहे मुझे गोली मार दो, लेकिन में घुटने नहीं टेकूंगा"

ये किसी फिल्म का डायलॉग नहीं बल्कि शिवसेना सांसद और नेता संजय राउत का ED के कार्रवाई के बाद दिया बयान है. महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान मचा हुआ है. यहां के नेताओं के दिन आजकल कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं. आए दिन हर किसी बड़े नेता पर छापेमारी हो रही है या उसे उठाकर सलाखों के पीछे डाल दिया जा रहा है.

5 अप्रैल की सुबह कुछ इसी तरह की खबर आई जिसका अंदेशा महाराष्ट्र की सियासी गलियारों में काफी दिनों से लगाया जा रहा था. ED ने संजय राउत और उनके परिवार से जुड़े लोगों की 11 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच कर दी. जिसमें अलीबाग स्थित 8 जमीन के प्लॉट्स और मुंबई के दादर का एक फ्लैट जब्त कर लिया गया है.

संजय राउत पर क्या है आरोप?

इस मामले में संजय राउत के करीबी प्रवीण राउत की 9 करोड़ तो वहीं संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के नाम पर 2 करोड़ की प्रॉपर्टी शामिल है. ED ने जारी किए बयान में साफ किया है कि पत्रा चॉल में हुए कथित 1039 करोड़ के भूमि घोटाले मामले में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. लेकिन इस मामले से संजय राउत और उनके परिवार के तार कैसे जुड़े ये पहले समझ लेते है.

गोरेगांव में स्थित पत्रा चॉल पुनर्विकास प्रोजेक्ट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को मिला था. जिसमें प्रवीण राउत और HDIL कंपनी के वाधवान बंधु डायरेक्टर्स थे. महाराष्ट्र हाउसिंग अथॉरिटी डिवेलपमेंट (MHADA) और 672 टेनेंट्स के साथ ट्रायपार्टी एग्रीमेंट हुआ था. जिसके बदले में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन्स को MHADA ने फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSI) दिया था. लेकिन प्रवीण राउत और वाधवान ने टेनेंट्स और MHADA के घर बनाने से पहले ही 9 डेवलपर्स को 980 करोड़ में FSI बेच दिया. साथ ही नया प्रोजेक्ट लांच करके नए खरीददारों से 138 करोड़ जमा किए. जिसमें से प्रवीण राउत के अकॉउंट पर 100 करोड़ ट्रांसफर हुए.

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संजय राउत पर आरोप है कि उनकी पत्नी वर्षा राउत ने प्रवीण राउत के पत्नी से 55 लाख रुपये लेकर दादर में फ्लैट खरीदा. जिसके ट्रांजैक्शन के आधार पर ED ने कार्रवाई की है. साथ ही अलीबाग में स्थित प्लॉट्स भी इन्ही पैसों से खरीदे जाने का ED को शक है. हालांकि संजय राउत ने इसे बदले की राजनीति बताया है. ये सभी प्रॉपर्टी मेहनत की कमाई से लेने का दावा करते हुए इसका व्यवहार 2009 में होने की बात कही है. राउत ने केंद्र को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को साबित करने की चुनौती दी है.

संजय राउत क्यों है निशाने पर ?

बता दें कि इस मामले की जांच 2018 में हुए एक शिकायत के आधार पर शुरू हुई. लेकिन संजय राउत ने साफ किया कि ED ने 2022 में इसपर कार्रवाई की इससे उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ है. क्योंकि राउत का दावा है कि उन्हें डरा धमकाकर महाराष्ट्र की सरकार गिराने के प्रयास हो रहा है. जबकि 2019 में संजय राउत ने शरद पवार के मध्यस्थता से एमवीए सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि राउत पर शिकंजा कसना मतलब सीएम उद्धव ठाकरे और परिवार पर भी दबाव बनाने की कोशिश बताया जा रहा है.


इसके अलावा संजय राउत ने बीजेपी के साथ केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था. हाल ही में राउत ने प्रेस कांफ्रेंस कर ED अधिकारियों पर एक्सटॉर्शन रैकेट चलाने के गंभीर आरोप लगाए थे. राउत का दावा है कि जितेंद्र नवलानी नाम के शख्स के जरिये ED अधिकारियों ने मुंबई के बिल्डरों से 200 करोड़ की उगाही की है. जिसके बारे में राउत ने प्रधानमंत्री मोदी और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू को खत लिखा है.

साथ ही बीजेपी नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैय्या पर भी जमीन घोटाले और पीएमसी बैंक फ्रॉड से जुड़े होने के आरोप लगाए थे. गौरतलब है कि ED कार्रवाई के कुछ घंटे पहले महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने संजय राउत के आरोपों के आधार पर मिली शिकायत की जांच के लिए SIT गठित करने की घोषणा की थी.

कार्रवाई का एमवीए पर क्या असर ?

संजय राउत से पहले एमवीए सरकार के दो बड़े मंत्री जेल में सजा काट रहे हैं. जिसमें पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमूख और मंत्री नवाब मालिक शामिल है. सीएम उद्धव ठाकरे के साले श्रीधर पाटनकर और शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक की प्रॉपर्टी ED ने जब्त कर ली है. डिप्टी सीएम अजित पवार के बेटे और बहनों के घर-कार्यालयों पर IT की छापेमारी हुई है.

इन सभी कार्रवाई से एमवीए सरकार की छवि बिगाड़ने का एक भी मौका बीजेपी नहीं छोड़ रही. साथ ही एमवीए सरकार के विधायकों पर दबाव बनाने की कोशिश होने का एमवीए नेताओं का दावा है. ऐसे में एमवीए सरकार की तरफ से बीजेपी के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. दोनों तरफ से बदले की राजनीति उफान पर है. लेकिन कोई भी फिलहाल झुकने के मूड में नहीं दिख रहा.

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