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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निलंबित मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह (Parambir Singh) का बयान दर्ज किया है.
एजेंसी के डिप्टी डायरेक्टर ने शुक्रवार, 5 दिसंबर को परम बीर सिंह से दक्षिण मुंबई में ईडी कार्यालय में पांच घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की.
इंडियन एक्सप्रेस ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि उनका बयान प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत देशमुख के खिलाफ दर्ज मामले में दर्ज किया गया है. ईडी ने परम बीर सिंह को इससे पहले तीन बार तलब किया था, लेकिन वह पेश होने में नाकाम रहे.
परम बीर सिंह, जिन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख मुंबई में बार से पैसे इकट्ठे करके मई में छुट्टी पर चले गए. सुप्रीम कोर्ट के 6 दिसंबर तक गिरफ्तारी पर रोक के आदेश के बाद 25 नवंबर को अपराध शाखा के सामने पेश होने तक वे लापता थे.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा 2 नवंबर को गिरफ्तारी के बाद से देशमुख फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. देशमुख के खिलाफ ईडी का मामला परम बीर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे गए एक पत्र में उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों के बाद दर्ज हुआ था.
बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई को जांच करने का निर्देश देने के कुछ घंटे बाद देशमुख ने 5 अप्रैल को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. ईडी के अनुसार, देशमुख को दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच, जब वह गृह मंत्री थे, सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वजे की मदद से “विभिन्न ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से लगभग 4.7 करोड़ रुपये नकद में अवैध रूप से प्राप्त हुए.”
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