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महाराष्ट्र सीएम की कुर्सी जाने के बाद उद्धव ठाकरे के हाथ से अब पार्टी भी निकल गयी है. एकनाथ शिंदे गुट को चुनाव आयोग ने असली शिवसेना करार दिया है. चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी नाम के साथ-साथ 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न भी दिया है. चुनाव आयोग ने यह भी घोषणा की कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी का नाम 'शिवसेना यूबीटी' और चुनाव चिन्ह 'मशाल' ही रहेगा.
चुनाव आयोग ने कहा कि "शिवसेना का वर्तमान स्वरुप अलोकतांत्रिक है. बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त किया गया है. इस तरह की पार्टी संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है."
उद्धव ठाकरे गुट के नेता आनंद दुबे ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आदेश वही है जिसका हमें अंदेशा था. हम कहते रहे हैं कि हमें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है. जब मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है और कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, तो चुनाव आयोग द्वारा यह जल्दबाजी दिखाती है कि यह केंद्र सरकार के तहत बीजेपी एजेंट के रूप में काम करता है. हम इसकी निंदा करते हैं.
एक ट्वीट में संजय राउत ने कहा है कि "चुनाव आयोग ने सच्चाई और न्याय को रौंदा है. बालासाहेब की शिवसेना पर चालीस जोकर अपना दावा करते हैं और आयोग इसे मंजूरी देता है. यह स्क्रिप्ट पहले ही लिखी जा चुकी थी और तैयार रखी गई थी. यह देश निरंकुश शासन की ओर जा रहा है. देशद्रोही कह रहे थे कि फैसला उनके पक्ष में आएगा. यह है पेटी का चमत्कार. हम लड़ते रहेंगे."
एकनाथ शिंदे गुट को असली शिव मानने के चुनाव आयोग के फैसले पर सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा की जीत है.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा पर चलने वाली शिवसेना- सीएम शिंदे की शिवसेना मूल शिवसेना बन गई है. उन्हें मेरा नमस्कार. हम पहले दिन से ही आश्वस्त थे क्योंकि यदि आप विभिन्न दलों पर चुनाव आयोग के पहले के आदेशों को देखें, तो वे एक जैसे फैसले थे.
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