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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने द क्विंट से खास बातचीत की है. चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनने के 2 साल तक लोग शांत रहे, लेकिन जब उन्होंने देखा कि कुछ बदलाव नहीं हो रहा है, तो फिर आए दिन आंदोलन करके गुस्सा उतारना शुरू कर दिया.
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कहा, ‘’मराठवाड़ा में खेती पर निर्भर किसान आत्महत्या कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिल रही है. प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि किसानों को लागत से 50 फीसदी ज्यादा लाभ मिलेगा, लेकिन कुछ लाभ नहीं मिल रहा है. मेक इन इंडिया के तहत 30 लाख लोगों को नौकरी देने की बात कही गई थी, लेकिन किसी को नौकरी नहीं मिली. 64,000 इंजीनियर कॉलेजो में रिक्तियां आज भी रद्द हैं.’’
पृथ्वीराज चव्हाण के अनुसार, आंदोलनकारियों की तीन मुख्य मांगें हैं, जिन पर गौर करने की जरूरत है:
एक, जो भी वारदात होती हैं, उनका जल्द से जल्द निपटारा होना चाहिए.
दूसरा, मेरे शासनकाल में आरक्षण घोषित किया गया था, उस पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी. अब फडणवीस सरकार भी उसे लागू करने की बात कह रही है. आखिर वह 2 साल क्या कर रही थी?
तीसरा, कोर्ट में मामलों की जांच करके दोषी को सजा मिलनी चाहिए. किसी निर्दोष को नहीं फंसाया जाना चाहिए.
देखें पृथ्वीराज चव्हाण की द क्विंट के साथ खास बातचीत:
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Published: 21 Sep 2016,10:13 PM IST