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देशभर में कृषि बिलों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन तेज हो रहे हैं. लेकिन रविवार को राज्यसभा में भी इन बिलों के लेकर जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी नेताओं ने बिल पास करने का विरोध किया और टेबल में चढ़कर नारेबाजी भी की. इस हंगामे के बाद सोमवार को 8 विपक्षी सांसदों को सभापति वैंकेया नायडू ने सस्पेंड कर दिया. लेकिन सस्पेंड हुए ये सांसद अपने घर नहीं गए, बल्कि संसद परिसर में ही धरने पर बैठ गए. अब तक ये सभी सांसद वहीं धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं इन विधायकों को सस्पेंड किए जाने को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
सांसदों के सस्पेंशन को लेकर भी अब काफी विवाद शुरू हो चुका है. विपक्षी दलों के तमाम बड़े नेता इसका विरोध कर रहे हैं. जिनमें राहुल गांधी और ममता बनर्जी जैसे नाम भी शामिल हैं. राज्यसभा से सस्पेंड हुए इन सांसदों में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, टीएमसी के डेरेक ओ-ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव साटव, सैयद नासिर हुसैन और रिपुण बोरा, सीपीआई (एम) के केके रगेश और एलमाराम करीम शामिल हैं.
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह लगातार कृषि बिलों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने धरने पर बैठने को लेकर कहा कि वो तब तक धरने पर बैठे हैं जब तक उन्हें ये नहीं बता दिया जाता है कि ये बिल पास कैसे हुआ. उन्होंने कहा.
संजय सिंह के अलावा टीएमसी के सांसद डेरेक ओ-ब्रायन भी खुलकर इन बिलों के विरोध में उतरे हैं. बिल पास होने के बाद उन्होंने कहा कि जब ये बिल पास हुए तो तभी संसद के लोकतंत्र की हत्या हुई. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अब इन बिलों पर वोटिंग भी नहीं करवाना चाहती है.
कांग्रेस सांसद सैयद नासीर हुसैन ने सस्पेंड होने के बाद ट्विटर पर कहा कि, “आप हमें सस्पेंड कर सकते हैं और हमें संसद से बाहर फेंक सकते हैं, लेकिन किसानों के लिए लड़ने का हमारा संकल्प इससे और ज्यादा मजबूत होगा. हम बीजेपी की एंटी किसान पॉलिसी को बर्दाश्त नहीं करेंगे. गांधी स्टैचू के पास सभी सांसद धरने पर बैठे रहेंगे.”
विपक्षी सांसदों के अलावा बीजेपी की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है कि विपक्ष जानबूझकर ऐसा कर रहा है और किसानों को भटकाने की कोशिश हो रही है. केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्षी सांसदों ने सस्पेंड होने के बाद भी आज राज्यसभा में जो किया उससे ये साबित होता है कि उन्हें क्यों सस्पेंड किया गया है. उन्होंने कहा कि सांसदों का आचरण गलत है.
उन्होंने कहा कि हमारे पास राज्यसभा में क्लियर बहुमत है. हमारे साथ 110 सदस्य थे और खिलाफ में 72 सदस्य थे. प्रसाद ने कहा कि विपक्षी सांसदों का एजेंडा वोटिंग का नहीं था, उनका एजेंडा था कि ये बिल किसी तरह पास न हो. अगर मार्शल नहीं आते तो उपसभापति पर हमला हो रहा था. आज तीन बार बोलने के बाद भी चेयरमैन की बात भी नहीं मानी गई.
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