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केंद्र सरकार ने किसान कानूनों पर शरद पवार के 'विचार' का स्वागत किया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि सरकार, "किसान यूनियनों को कृषि कानूनों के जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उन बिंदुओं पर भारत सरकार खुले मन से विचार करने के लिए तैयार है." कृषि मंत्री ने ये भी कहा कि शरद पवार का ऐसा कहना है कि किसान कानूनों में सभी कानूनों को बदलने जाने की जरूरत नहीं है, जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उनपर विचार करके उन्हें बदला जाना चाहिए. अब महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार शरद पवार के एक बयान को लेकर लोगों में भ्रम फैलाना चाह रही है.
नवाब मलिक का कहना है कि शरद पवार ने तो केंद्र के किसान कानूनों की बात ही नहीं की है वो महाराष्ट्र के किसान कानूनों की बात कर रहे थे.
इससे पहले कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, "मैं उनके वक्तव्य का स्वागत करता हूं. केंद्र सरकार आपके द्वारा व्यक्त भाव से सहमत है. हमने 11 बार किसान यूनियन से इस बारे में बात की है. केंद्र सरकार बातचीत से जल्द हल निकालना चाहती है ताकि सभी किसान आंदोलन समाप्त करके घर जाएं और ठीक से खेती करें."
बता दें कि देश के कृषि मंत्री रह चुके शरद पवार ने किसान कानूनों पर गुरुवार को टिप्पणी की थी, उसी बयान को लेकर ये दावे किए जा रहे हैं.
इन समर्थन और विरोध की तमाम खबरों के बीच अलग-अलग राज्यों से आए किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब सात महीने से आंदोलन कर रहे हैं. इन किसानों की मांग है कि किसान कानूनों को खारिज किया जाए. कई बार किसानों के संगठन और केंद्र सरकार के बीच बातचीत हुई है लेकिन वो भी अब कुछ महीनों से रोक दी गई है. सरकार-किसान दोनों ही तरफ से बातचीत की बातें की जा रही हैं लेकिन ये दोबारा से शुरू नहीं हो पा रही है.
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