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नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने मंगलवार, 26 दिसंबर को भारत-पाकिस्तान के बीच विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत नहीं पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर बातचीत शुरू नहीं हुई तो, "हमारा हाल भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा हो जाएगा."
पत्रकारों से बात करते हुए, श्रीनगर के सांसद फारूक अब्दुल्ला ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान को दोहराते हुए कहा, "हम अपने दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं".
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अब युद्ध कोई विकल्प नहीं है और मामले बातचीत से सुलझने चाहिए. लेकिन बातचीत कहां हो रही है? नवाज शरीफ प्रधानमंत्री (पाकिस्तान) बनने वाले हैं और वे कह रहे हैं कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं. नवाज शरीफ (पाकिस्तान के) प्रधानमंत्री बनने वाले हैं और वो कह रहे हैं कि हम (भारत से) बात करने को तैयार हैं, लेकिन क्या कारण है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं?"
बता दें कि इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर से युद्ध जारी है. हमास के लिए हमले के बाद इजरायल ने युद्ध का ऐलान कर दिया था. इस युद्ध में दोनों तरफ से अब तक 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.
पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला की यह बयान पिछले एक सप्ताह में जम्मू कश्मीर में हुई आतंकी घटनाओं के बाद आया है. बता दें कि पिछले हफ्ते पुंछ में आतंकियों ने सेना के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 4 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद बारामूला में एक रिटायर्ड IPS अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
बीजेपी की वरिष्ठ नेता डॉ. हिना शफी भट ने फारूक अब्दुल्ला के बयान की निंदा करते हुए कहा, "यह अफसोसजनक है कि जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ नेता अभी भी पाकिस्तान के साथ बातचीत की बात कर रहे हैं. फारूक साहब को अब सीख लेनी चाहिए, यह शासन पाकिस्तान के सामने झुकने वाला नहीं है. हमने कोशिश की, उन्होंने बार-बार हमारी पीठ में छुरा घोंपा है."
इससे पहले रविवार को अब्दुल्ला ने 2019 में जम्मू-कश्मीर की विशेष दर्जा को रद्द किए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति का दावा कर रही सत्तारूढ़ बीजेपी के दावों को खारिज कर दिया था.
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