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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि बिहार के ही कुछ काबिल लोग राज्य की छवि खराब करने में लगे हैं. नीतीश के मुताबिक गुरु गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव के सफल आयोजन के लिए तारीफ तो मिली, लेकिन इसमें केंद्र सरकार से कोई मदद नहीं मिली.
प्रकाशोत्सव के मुख्य समारोह में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को मंच पर स्थान नहीं दिए जाने को लेकर नीतीश ने कहा कि कौन कहां बैठेगा, यह फैसला तख्त हरमंदिर साहिब की समिति ने किया था. गुरुद्वारे में कोई कुर्सी पर नहीं बैठता, बल्कि सब जमीन पर ही बैठते हैं.
लेकिन नीतीश के जवाब से पत्रकारों को संतुष्टि नहीं मिली. फिर यही सवाल पूछा गया तो नीतीश ने खुलकर बोला कि “गुरु दरबार में पूरी व्यवस्था राज्य सरकार के हिसाब से नहीं थी. तरह-तरह की बात हो रही है. लोग कुछ तो अपने में बदलाव लाएं. जमीन पर लालू जी को हम बैठाए थे क्या? कौन कहां बैठेगा यह फैसला तख्त हरमंदिर साहिब की समिति ने किया था.”
गौरतलब है कि पटना में आयोजित 350वें प्रकाशोत्सव के मुख्य समारोह में लालू प्रसाद को मंच पर स्थान न मिलने के कारण राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने नाराजगी जताई थी. बाद में हालांकि लालू प्रसाद ने इस पर खुद सफाई दी थी.
नीतीश कुमार ने कहा कि प्रकाशोत्सव को लेकर केंद्र सरकार द्वारा किसी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं मिली, जबकि उसमें प्रधानमंत्री भी पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि सब कुछ राज्य सरकार ने अपने सामथ्र्य से किया. अधिकारियों ने उत्साह से काम किया, लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, इसलिए कार्यक्रम सफल हुआ.
जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश ने कहा कि 23 जनवरी को वह पहली बार महागठबंधन के कार्यकर्ताओं से बात करेंगे, साथ ही उसी दिन नोटबंदी पर जद (यू) कोर कमेटी की बैठक भी होगी. नीतीश ने 21 जनवरी को आयोजित मानव श्रृंखला में सभी राजनीतिक दलों से शामिल होने की अपील की.
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