मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारत-चीन रिश्तों पर विदेश मंत्री ने राजीव गांधी का किया जिक्र, बताया बड़ी चुनौती

भारत-चीन रिश्तों पर विदेश मंत्री ने राजीव गांधी का किया जिक्र, बताया बड़ी चुनौती

विदेश मंत्री ने कहा कि पूर्व पीएम राजीव गांधी दिल्ली और बीजिंग के रिश्तों को मजबूत करने के लिए 1988 में चीन गए थे.

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>विदेश मंत्री एस जयशंकर</p></div>
i

विदेश मंत्री एस जयशंकर

(फोटो: PTI)

advertisement

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम में बहुपक्षवाद, इंडो-पैसिफिक और भारत-चीन के रिश्तों पर बात की. जेजी क्रॉफोर्ड ओरेशन में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "एकपक्षवाद के दिन खत्म हो गए हैं, द्विपक्षीयता की अपनी सीमाएं हैं और बहुपक्षवाद सही ढंग से काम नहीं कर रहा है." जयशंकर वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों और कोरोना वायरस महामारी से बढ़ते आर्थिक और इंसानी नुकसान के बीच इंडो-पैसिफिक और भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों पर भारत के दृष्टिकोण पर बोल रहे थे.

भारत और चीन के रिश्तों को याद करते हुए, विदेश मंत्री ने कहा कि कैसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी नई दिल्ली और बीजिंग के रिश्तों को मजबूत करने के लिए 1988 में चीन गए थे. उन्होंने कहा, "हमारे संबंध इस तथ्य पर आधारित थे कि सीमा शांत होगी. हमने ऐसा कई समझौतों के जरिए किया, जिससे विश्वास पैदा हुआ, जिसमें कहा गया था कि अपनी सेनाओं को सीमा पर नहीं लाएंगे."

उन्होंने आगे कहा, "1975 के बाद, जब हमारे बीच अपेक्षाकृत छोटी झड़प हुई थी, सीमा पर कोई नुकसान नहीं हुआ था. फिर भी, हमने पिछले साल बड़ी घटना देखी. बिना किसी कारण के सीमा पर बड़ी संख्या में चीनी सैनिक मौजूद थे."

पिछले साल जून में गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर बोलते हुए उन्होंने आगे कहा, "जब हमने इसका विरोध किया, तो पिछले साल जून में गंभीर संघर्ष हुआ, जिसमें बहुत से लोगों की जान चली गई. इससे संबंध अलग दिशा में चला गया है. भारत में, चीन के साथ हमारे संबंधों को कैसे मैनेज किया जाए, इसकी चुनौती बहुत अधिक है."

अक्टूबर में मिलेंगे Quad नेता

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अक्टूबर में Quad देशों के नेताओं के एक समिट की मेजबानी करेंगे. Quad को क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग भी कहा जाता है. इसके चार सदस्य देशों (अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के नेता 2007 में इसकी स्थापना के बाद से समय-समय पर मिलते रहे हैं. इंडो-पैसिफिक में चीन के बढ़ते दबदबे को रोकने के लिए Quad देश इस क्षेत्र में नियम-आधारित इंटरनेशनल बॉर्डर बनाने का प्रस्ताव रखते हैं.

(इनपुट्स- हिंदुस्तान टाइम्स)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT