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पूर्व CJI रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामांकित किए जाने पर लगातार कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस कदम को न्यायपालिका को कमजोर करने वाला बताया तो पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने इसे शर्मनाक बताया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार 16 मार्च को जस्टिस गोगोई को राज्यसभा के लिए खाली हो रही 55 सीटों में से एक के लिए नामांकित किया. इसके बाद से ही लगातार जस्टिस गोगोई और केंद्र सरकार पर विपक्षी दल हमलावर हुए पड़े हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस फैसले पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि इससे न्यायिक प्रणाली में जनता का विश्वास कमजोर होगा और उनके द्वारा दिए गए फैसलों की निष्पक्षता पर संदेह पैदा करेगा.
गहलोत ने ट्वीट किया और कहा,
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे यशवंत सिन्हा भी इससे नाखुश नजर आए. सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि ये शर्मनाक है.
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने भी पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर के बयान के हवाला देते हुए कहा कि जस्टिस गोगोई ने सरकार के साथ डील की है.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि सरकार की मदद करने का ईनाम आखिर जस्टिस गोगोई को मिल ही गया. ट्वीट कर भूषण ने लिखा,
राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने के बाद मंगलवार को जस्टिस गोगोई ने कहा कि वो सदस्य के तौर पर शपथ लेने के बाद मीडिया से बात कर अपने फैसले के बारे में विस्तार से बताएंगे.
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