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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) प्रधानमंत्री के जीवन से जुड़ी किताब की तुलना भगवत गीता से करके विवादों में घिर गए हैं. कांग्रेस ने इसे एक मौके की तरह लपक लिया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने इसे गीता का अपमान बताया.
डोटासरा ने शेखावत के बयान को लेकर मंगलवार को अपने एक ट्वीट में लिखा कि "
भोगैश्वर्यप्रसक्तानां तयापह्वतचेतसाम्।
व्यवसायात्मिका बुद्धि: समाधौ न विधीयते।।
सिरोही से निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने गीता का श्लोक लिखते हुए इस खबर को ट्वीट किया कि जो लोग इन्द्रियभोग और भौतिक ऐश्वर्य के प्रति अत्यधिक आसक्त होने से ऐसी वस्तुओं से मोहग्रस्त हो जाते हैं, उनके मन में भगवान के प्रति भक्ति का दृढ़ निश्चय नहीं होता.
शेखावत ने सोमवार को झुन्झुनू में ‘प्रबुद्धजन सम्मेलन’ में पीएम मोदी से जुड़ी एक पुस्तक की तुलना गीता से कर दी थी. उन्होंने कहा था,
उन्होंने कहा कि अगर मैं ऐसा कहता हूं तो निश्चित रूप से मेरे पास इसे सिद्ध करने के अनेक कारण हैं और आधार भी. उल्लेखनीय है कि ’मोदी@ 20ः ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ का लोकार्पण इस साल मई में किया गया. यह प्रख्यात बुद्धिजीवियों और विषय विशेषज्ञों द्वारा लिखे गए अध्यायों का संकलन है.
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