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कश्मीर का ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश में सरकार: राहुल

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 हटाए जाने के एक महीने बाद भी केंद्र पर स्थानीय नेताओं को नजरबंद रखने का आरोप लग रहा है

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर फारूख अब्दुल्ला जैसे नेताओं को हटाकर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर फारूख अब्दुल्ला जैसे नेताओं को हटाकर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
(फोटो:PTI)

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार अब्दुल्ला जैसे राष्ट्रवादी नेताओं को हटाकर आतंकवादियों को जगह देना चाहती है ताकि वह पूरे देश में ध्रुवीकरण के लिए कश्मीर का स्थायी रूप से इस्तेमाल कर सके.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा-

‘‘यह स्पष्ट है कि सरकार फारूक अब्दुल्ला जैसे राष्ट्रवादी नेताओं को हटाना चाहती है ताकि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक शून्य पैदा हो जो आतंकवादियों द्वारा भर दिया जाए. इसके बाद शेष भारत में ध्रुवीकरण करने के लिए कश्मीर का स्थायी रूप से उपयोग राजनीतिक औजार के तौर पर किया जा सके.’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के लिए जगह नहीं पैदा करनी चाहिए और सभी राष्ट्रवादी नेताओं को जल्द से जल्द रिहा कर देना चाहिए.’’

"कश्मीर में लोग घुट-घुटकर मर रहे हैं"

इससे पहले सीपीआई(एम) के सीनियर नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने राज्य के हालात सामान्य होने के केंद्र सरकार के दावों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कश्मीर ‘‘ कुंठा’’ में है और वहां लोग ‘‘घुट-घुटकर’’ मर रहे हैं.

सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचुरी के साथ तारीगामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा-

सरकार कहती है कि वहां एक भी गोली नहीं चली, हालात सामान्य हैं. फिर वहां के लोगों के नागरिक अधिकारों और सेवाओं को क्यों छीना गया है?

उन्होंने स्थिति की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार किसी अन्य इलाके में टेलीफोन और इंटरनेट समेत अन्य नागरिक सुविधाएं बंद करके यह देख ले कि ऐसा करने से कैसे हालात हो जाते हैं?

उन्होंने मोदी सरकार की कश्मीर नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों को जेल में डालकर, उन्हें प्रताड़ित कर, संचार सेवाएं रोक कर और सामान्य जनजीवन प्रभावित कर, क्या सरकार कश्मीर के लोगों का विश्वास जीत पाएगी.

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Published: 17 Sep 2019,08:54 PM IST

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