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मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे. इससे पहले कई एग्जिट पोल आपके सामने हैं, जो लगातार अपने-अपने आंकड़े पेश किए जा रहे हैं. लेकिन क्या ये एग्जिट पोल हमेशा सटीक होते हैं? ऐसे तमाम उदाहरण मौजूद हैं जब एग्जिट पोल्स ने अपने आंकड़े कुछ बताएं और नतीजा उससे काफी अलग हुआ. यूपी, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार और दिल्ली विधानसभा चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल नतीजों के आसपास भी नहीं पहुंच सके. वहीं पश्चिम बंगाल में पोल की दिशा सही थी, परिणाम थोड़े अलग आए.
बात अगर महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों की करें, तो एग्जिट पोल्स के अनुमान काफी हद तक सही नजर आए. आपको बताते हैं कि 2014 के आम चुनावों के बाद हुए कुछ विधानसभा चुनावों के नतीजों और एग्जिट पोल में कितना अंतर रहा :
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले आए एग्जिट पोल में ज्यादातर ने बीजेपी को औसतन 200 के करीब सीटें जीतते दिखाया था. 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा में किसी को बहुमत मिलने की बात एग्जिट पोल में नहीं दिख रही थी. लेकिन बीजेपी ने यहां 324 सीटें हासिल की जो कि मैजिक नंबर 202 से कहीं ज्यादा थीं.
पंजाब चुनाव के नतीजों से पहले कुछ पोल्स में आम आदमी पार्टी को जीत मिलती दिखाई गई. ज्यादातर पोल्स में ये अनुमान लगाया गया था कांग्रेस और AAP के बीच कड़ी टक्कर है और अकाली दल-बीजेपी 10 सीटों से भी कम में सिमटने जा रहे हैं.
नतीजे बिलकुल उलट आए. कांग्रेस ने 59 के जादुई आंकड़े को पार करते हुए 77 सीटें हासिल की. आम आदमी पार्टी 20 सीटों में सिमट गई वहीं बीजेपी-SAD ने 18 सीटें हासिल कीं.
एग्जिट पोल पर पड़ी मार, अम्मा की बनी थी सरकार: ‘अम्मा' के राज्य में हुए इस चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल एआईएडीएमके की हार का अनुमान लगा रहे थे. चाणक्य का सर्वे डीएमके की जीत का दावा कर रहा था. सर्वे में एआईएडीएमके को 90 सीटें और डीएमके को 140 सीटें दी गई थीं. लेकिन नतीजे काफी अलग थे.
एबीपी न्यूज ने अपने सर्वे में डीएमके को 132 सीटें तो एआईएडीएमके को 95 सीटें दी थीं. नतीजे आए तो सारे एग्जिट पोल धराशायी हो गए. अम्मा की पार्टी ने 134 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाई.
एग्जिट पोल के आंकड़े आस-पास, ‘दीदी’ की सरकार फिर पास : पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को भारी जीत मिली. 294 सीटों वाली विधानसभा में टीएमसी को 211 सीटें हासिल हुईं.
इंडिया टुडे-एक्सिस के सर्वे ने टीएमसी को 243 सीटें दी थी. वहीं चाणक्य ने बीजेपी को 14 सीटें दी थी. चुनाव परिणाम में बीजेपी को 3 सीटें हासिल हुईं.
बिहार में हुई नीतीश लालू की बहार- एग्जिट पोल का ऐलान हुआ बेकार : एग्जिट पोल के लिहाज से बिहार विधानसभा चुनाव खास था. सर्वे कराने वाली एजेंसियां- चैनल्स बंटे हुए थे. कुछ महागठबंधन (आरजेडी+जेडीयू+कांग्रेस) को जीतता दिखा रहे थे, तो कुछ बीजेपी के फतह पर मुहर लगा रहे थे.
नतीजे चौंकाने वाले आए, नीतीश-लालू की ‘बयार’ ने महागठबंधन को 178 सीटें दिलाईं. किसी भी पोल में इस तरह के बहुमत का अनुमान नहीं लगाया जा सका था.
एग्जिट पोल धरे के धरे रह गए, आप की आई ‘सुनामी’ : दिल्ली विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने अपने-अपने आंकड़े बयां किए. ज्यादातर पोल्स ने आम आदमी पार्टी को 35-45 सीटें दी थीं. हालांकि, इंडिया न्यूज- एक्सिस के सर्वे में आम आदमी पार्टी को 53 सीटें दी
चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली. 70 विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें हासिल की जो कि एक रिकॉर्ड है.
हरियाणा विधानसभा चुनावों में चैनल-एजेंसियों के सर्वे बीजेपी को जीतता दिखा रहे थे. न्यूज 24- चाणक्या ने बीजेपी को 52 सीटें दी थीं. एबीपी न्यूज- नीलसन ने बीजेपी को 46 सीटें दी थीं.
नतीजों में बीजेपी को 47 सीटें हासिल हुई थी. फिलहाल हरियाणा में बीजेपी की सरकार है, मनोहर लाल खट्टर राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 122 सीटें हासिल की थीं. न्यूज 24- चाणक्य ने अपने एग्जिट पोल में बीजेपी को 151 सीटें दी थीं. वहीं एबीपी न्यूज- नीलसन ने अपने एग्जिट पोल में बीजेपी को 127 सीटें दी थी.
इन 8 चुनावों के नतीजे और एग्जिट पोल से साफ समझ आता है कि एग्जिट पोल में सटीक नतीजे बता पाना बेहद मुश्किल है.
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Published: 15 Dec 2017,07:14 PM IST