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उत्तराखंड में सियासी उठापटक देखने के बाद अब बीजेपी को हरियाणा में भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन यहां वजह दूसरी है. किसान प्रदर्शनों के बीच हरियाणा सरकार में सहयोगी पार्टी जेजेपी पर भारी दबाव दिखा है. आलम ये है कि पार्टी के विधायक तक किसानों के मुद्दे पर गठबंधन खत्म करने की बात कर रहे हैं. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर पार्टी, हरियाणा के किसानों और कार्यकर्ताओं का भी दबाव है.
दिल्ली बॉर्डर और राज्य में चल रहे किसान प्रदर्शनों के बीच जनवरी में दुष्यंत चौटाला की मुलाकात पीएम मोदी और अमित शाह से भी हुई थी. इस बीच विधानसभा में कांग्रेस, बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है, जिसपर 10 मार्च को सुनवाई और वोटिंग हैं. हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव के मतदान के दौरान कई चेहरे बेनकाब होंगे.
कांग्रेस ने अपने विधायकों के लिए व्हीप जारी किया है और अविश्वास प्रस्ताव पर समर्थन देने के लिए कहा है. वहीं जेजेपी ने व्हीप जारी कर सरकार के स्टैंड का समर्थन करने के लिए कहा है.
उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के करीबी माने जाने वाले जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली ने तो पार्टी के रुख के लिए नाराजगी सीधा सदन में ही जता दी. विधानसभा बजट सत्र के दौरान ही बबली ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के गांव के लोग किसानों के आंदोलन में एकजुटता दिखाते हुए उनका बहिष्कार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों का सामाजिक और राजनीतिक बहिष्कार एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है.
देवेंद्र सिंह बबली का कहना है कि या तो सरकार को किसानों के इस मुद्दे को अगले 15 दिन में सुलझाना होगा या जेजेपी को सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए.
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Published: 09 Mar 2021,10:30 PM IST