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कांग्रेस छोड़ने की अटकलों के बीच गुजरात के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने दावा किया है कि वो पार्टी में बने रहेंगे, उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनका मनोबल तोड़ना चाहते हैं. हार्दिक पटेल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा,
इससे पहले अपने एक इंटरव्यू में हार्दिक ने कहा था कि नेताओं की एक टीम है जो मेरा मनोबल तोड़ने के लिए तैयार है, उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की, उन्होंने कहा कि संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से बात करो.
केसी वेणुगोपाल उनके मत से सहमत भी हुए. उन्होंने कहा कि मैंने राहुल, प्रियंका और वेणुगोपाल से कहा है कि मैं पहले नाराजगी जाहिर नहीं करना चाहता था, लेकिन राज्य नेतृत्व, केंद्रीय नेतृत्व से अगल है. हार्दिक पटेल ने खासतौर पर गुजरात प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और प्रभारी रघु शर्मा के खिलाफ नाराजगी जताई है, उनका मानना है कि प्रदेश नेतृत्व उन्हें लगातार नजरअंदाज कर रहा है. वो भी ऐसे समय में जब गुजरात इकाई का पुनर्गठन किया जा रहा है.
दरअसल गुजरात में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने इससे पहले अपने एक बयान में कहा था कि उनकी स्थिति पार्टी में उस नए दूल्हे जैसी है, जिसकी नसबंदी करा दी गई हो.
उन्होंने कहा था, मुझे इतना प्रताड़ित किया जा रहा है कि मुझे इसके बारे में बुरा लगता है. गुजरात कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि मैं पार्टी छोड़ दूं. मुझे इसका अधिक दुख है कि मैंने राहुल गांधी को कई बार इस स्थिति के बारे में बताया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
हालांकि इसके बाद हार्दिक पटेल ने इस पर स्पष्टीकरण भी दे दिया था, उन्होंने कहा कि उन्होंने आज तक पार्टी को श्रेष्ठ देने का काम किया है और वे आगे भी यही करने वाले हैं. हार्दिक ने ट्वीट कर कहा, अगर सच बोलना अपराध है, तो आप मुझे गुनाहगार समझिए. गुजरात की जनता उनसे उम्मीद करती है और हम उस उम्मीद पर खरे न उतर सके, तो फिर इस नेतागीरी का मतलब क्या हैं! मैंने आज तक पार्टी को श्रेष्ठ देने का काम किया है और आगे भी करने वाला हूं. पद के मोहताज नही काम के भूखे हैं.
हार्दिक के इन बयानों के बाद से उनके कांग्रेस पार्टी छोड़ने की अटकलें लगाई जाने लगी थी. इस बीच आम आदमी पार्टी ने हार्दिक पटेल को पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया था जिसके बाल हार्दिक पटेल ने एक बार फिर साफ किया है कि वह कांग्रेस में बने रहेंगे, लेकिन यह पार्टी नेताओं पर निर्भर करता है। उन्होंने अपनी और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुलाकात को लेकर कहा कि मैं उनसे तब मिला था जब मैं पाटीदार आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहा था. उन्होंने मेरे आंदोलन का समर्थन किया था. मैं 2019 के बाद से उनसे नहीं मिला हूं.
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