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किसानों पर लाठीचार्ज: खट्टर बोले, सख्ती जरूरी थी, टिकैत ने कहा-ये तालिबानी सरकार

हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुआ था जमकर लाठीचार्ज, एसडीएम ने दिए थे सिर फोड़ने के आदेश

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मनोहर लाल खट्टर
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मनोहर लाल खट्टर
(फोटोः PTI)

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हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. किसानों के मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार पहले से ही विपक्ष के निशाने पर थी, लेकिन अब इस घटना ने केंद्र और हरियाणा सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने एक बार फिर सिर फोड़ने का आदेश देने वाले एसडीएम का बचाव करते हुए ये कह दिया है कि मौजूदा हालात को देखते हुए सख्ती जरूरी थी. खट्टर ने आगे कहा कि शब्दों का चयन ठीक नहीं था.

किसानों ने पुलिस पर मारे पत्थर- खट्टर

मनोहर लाल खट्टर ने एक बार फिर मीडिया के सामने आकर पुलिस कार्रवाई के समर्थन में बयान दिया और किसानों को गलत ठहराने की कोशिश की. उन्होंने कहा.

"बीजेपी के प्रदेश स्तरीय नेताओं की ये बैठक थी, जिसका विरोध इन लोगों ने किया... मैं उसकी निंदा करता हूं. हमारी सहमति बनी थी कि वो शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे, लेकिन अगर वो पुलिस के ऊपर पत्थर मारते हैं, हाईवे जाम करते हैं तो लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करने के लिए पुलिस को कुछ काम करना होगा. अब उसमें तो बातचीत करके बताएंगे कि किसकी ज्यादती है, अगर पुलिस की है तो उन्हें दंडित किया जाएगा और अगर किसानों की है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."

पंजाब सरकार की वजह से चल रहा किसान आंदोलन- खट्टर

बीजेपी नेता और सीएम मनोहर लाल खट्टर के बयानों और उनकी सरकार में किसानों पर ऐसी बर्बरता को लेकर विपक्षी दल उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें इस शर्मनाक घटना के बाद सीएम पद पर नहीं रहना चाहिए. इसमें पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी खट्टर से इस्तीफा मांगा.

लेकिन खट्टर ने अब कैप्टन अमरिंदर सिंह को जवाब देते हुए कहा है कि वो मेरा इस्तीफा मांगने वाले आखिर होते कौन हैं? बल्कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. क्योंकि उनकी वजह से किसान आंदोलन चल रहा है. दिल्ली की सीमाओं पर जो किसान प्रदर्शन कर रहे हैं वो पंजाब से हैं. हरियाणा के किसान सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं.
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टिकैत बोले- सरकारी तालिबान का राज

उधर किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र और हरियाणा सरकार को करारा जवाब दिया. टिकैत ने कहा कि, अगर ये लोग हमें पाकिस्तान और खालिस्तानी कहते हैं तो हम कहना चाहते हैं कि आज सरकारी तालिबान का देश पर कब्जा हो गया है.

किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने वाले एसडीएम को लेकर टिकैत ने कहा कि, ऐसे लोगों की पोस्टिंग यहां पर नहीं बल्कि नक्सली इलाके में होनी चाहिए. जो सिर फोड़ने की बात करते हैं. ये सरकारी तालिबानी अधिकारी हैं. देश में तालिबानी सरकार का पहला कमांडर मिल चुका है.

बता दें कि करनाल के एसडीएम ने किसानों को लेकर पुलिस को दिए गए आदेश पर माफी मांग ली है. हालांकि किसान नेताओं का कहना है कि एसडीएम को बर्खास्त किया जाना चाहिए. साथ ही जिन पुलिस अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया, उन्हें भी सस्पेंड किया जाना चाहिए. हालांकि अब तक एसडीएम के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है. किसान लगातार इस बर्बर लाठीचार्ज के खिलाफ अब प्रदर्शन कर रहे हैं.

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