मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Himachal कैबिनेट के बाद विभाग बंटवारे में भी कांगड़ा की अनदेखी, किसका कद बढ़ा?

Himachal कैबिनेट के बाद विभाग बंटवारे में भी कांगड़ा की अनदेखी, किसका कद बढ़ा?

Himachal Pradesh: सुक्खू के करीबी हर्षवर्द्धन चौहान को प्रभावशाली महकमा.

आशुतोष कुमार सिंह
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>Himachal Pradesh कैबिनेट- मंत्रियों की लिस्ट</p></div>
i

Himachal Pradesh कैबिनेट- मंत्रियों की लिस्ट

(फोटो- Altered By Quint)

advertisement

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंत्रिमंडल विस्तार के तीन दिन बाद बुधवार, 11 जनवरी की देर शाम अपने मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा (cabinet Portfolio) कर दिया. यहां हम समझने की कोशिश करते हैं कि विभागों के बंटवारे के साथ किन मंत्रियों का कद बढ़ा और किसका घटा?

सुक्खू के करीबी हर्षवर्द्धन चौहान को प्रभावशाली महकमा 

चुनाव जीतकर छठी बार विधानसभा पहुंचे हर्षवर्द्धन चौहान को उद्योग मंत्रालय मिला है. शिलाई से विधायक हर्षवर्द्धन चौहान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी माने जाते हैं. हर्षवर्द्धन संसदीय कार्य मंत्री और आयुष मंत्री भी होंगे.

इसके अलावा चौहान की तरह सुक्खू के करीबी जगत नेगी को राजस्व, बागवानी और जनजातीय विकास विभाग दिए गए हैं.

युवा कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को महत्वपूर्ण विभाग 

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नए मंत्रियों में से सबसे छोटे, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को लोक निर्माण, युवा और खेल विभागों का प्रभार दिया गया है. माना जा रहा है कि इस पर्यटन प्रमुख राज्य में विक्रमादित्य सिंह को लोक निर्माण जैसा विभाग देकर सीएम सुक्खू ने अपने खेमे में हर्षवर्धन चौहान और जगत सिंह नेगी जैसा हेवीवेट बना दिया है.

मुख्यमंत्री की रेस में शामिल रहीं प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह महज दूसरी बार ही विधायक बने हैं और 32 साल के ही हैं. पहले कैबिनेट में जगह मिलना और अब अहम विभाग मिलने से उनका पॉलिटिकल लॉन्च भी तेजी से हो गया है. 

जबकि शिमला जिले के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर राम लाल के पोते रोहित ठाकुर को शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग मिला है.

साथ ही शिमला जिले के कुसुमपट्टी से विधायक अनिरुद्ध सिंह, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री होंगे. अनिरुद्ध सिंह को उनका विभाग शायद उनके अनुभव के तर्ज पर ही मिला है. उन्होंने जिला परिषद के तौर पर अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी. बता दें कि 50 साल के इतिहास में यह पहली बार है, जब कांग्रेस ने कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक को मंत्री बनाया गया. आज तक कांग्रेस पार्टी ने यहां से किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया था. 

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ मंत्री और सोलन से विधायक धनीराम शांडिल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार विभाग का प्रभार दिया गया है. शांडिल 2012 से 2017 तक वीरभद्र सरकार में भी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थे.

शिमला मजबूत, कांगड़ा की अनदेखी?

सुक्खू सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में कांगड़ा से 10 कांग्रेस विधायक आने के बावजूद केवल एक मंत्री चुना गया और अब विभागों के बंटवारे में भी मायूसी ही हाथ लगी है. जिला कांगड़ा से एकमात्र मंत्री चौधरी चंद्र कुमार को कृषि और पशुपालन विभाग से ही संतोष करना पड़ा है.

दूसरी तरफ 7 विधानसभा सीटों वाली शिमला से न केवल 3 मंत्री बने हैं बल्कि शिमला से मंत्री विक्रमादित्य सिंह को मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग और रोहित ठाकुर को शिक्षा विभाग जैसा बड़ा महकमा दिया है.

बीजेपी सरकार के दौरान कांगड़ा से तीन मंत्री और एक विधानसभा अध्यक्ष थे.

सीएम-डिप्टी सीएम के पास कौन से विभाग?

सीएम सुक्खू ने अपने पास फाइनेंस, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन, होम मिनिस्ट्री, प्लानिंग और बाकी सभी वे विभाग रखें हैं, जो मंत्रियों को बांटे जाने के बाद बचे हैं. जबकि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के विभागों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. उनके पास जल शक्ति, कला और संस्कृति तथा परिवहन और भाषा विभाग पहले के तरह ही हैं.

बता दें कि नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों पर जीत हासिल की. इसमें कांगड़ा से 10, शिमला से 7, ऊना, सोलन और हमीरपुर से 4-4, सिरमौर से 3, चंबा और कुल्लू से 2-2 जबकि मंडी, बिलासपुर, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों की एक-एक सीटें थीं.

कैबिनेट में शामिल नौ मंत्रियों में से पांच शिमला संसदीय क्षेत्र से, दो हमीरपुर और एक-एक कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र से हैं. तीन पद अभी भी खाली हैं क्योंकि हिमाचल में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की अधिकतम संख्या 12 से अधिक नहीं हो सकती.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT