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लिंचिंग की घटनाएं बार बार हो रही हैं और राजनाथ सिंह संसद में अपना बयान दोहरा रहे हैं कि लिंचिंग की घटनाएं पहले भी होती रही हैं, अगर जरूरी हुआ तो कानून बनाएंगे.
संसद में मंगलवार को जब सांसदों ने लिंचिंग की घटनाओं पर गुस्सा और फिक्र जताई तो राजनाथ सिंह ने वहीं से अपनी बात शुरू की जहां से उन्होंने शुक्रवार 20 जुलाई को छोड़ी थी. गृहमंत्री ने कहा कि देश में लिंचिंग की सबसे बड़ी घटना 1984 में हुई थी.
तृणमूल कांग्रेस, माकपा, कांग्रेस और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने लोकसभा में देश के कुछ हिस्सों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या के मामलों का मुद्दा एक बार फिर उठाया. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को सरकार की ओर से सख्त कदम उठाने का भरोसा देते हुए कहा कि अगर जरूरत हुई तो ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये कानून भी बनाया जायेगा.
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस तरह के मामलों पर रिपोर्ट देने के लिए गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिसमूह (जीओएम) और गृह सचिव की अगुवाई में एक समिति का गठन किया है, जो चार हफ्तों में रिपोर्ट पेश करेगी. उन्होंने कहा, "गृह सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर मेरी अध्यक्षता वाली मंत्रिसमूह कठोर कार्रवाई करने के बारे में विचार करेगी. अगर कानून बनाने की जरूरत हुई, तब वह भी करेंगे.''
राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि, "कई प्रदेशों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं घटी हैं. लेकिन ऐसी बात नहीं है कि इस तरह की घटनाएं पिछले दो-चार सालों में ही हुई हैं. पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं. यह गंभीर विषय है. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मैंने कहा था कि मॉब लिंचिंग की सबसे बड़ी घटना 1984 में घटी. मॉब लिंचिंग किसी भी सरकार के लिये सही नहीं है."
बिहार के मुजफ्फरपुर में मौजूद नारी निकेतन में लड़कियों के कथित यौन शोषण और बलात्कार का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में जोरदार ढंग से उठा. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की सिफारिश मिलने पर इस मामले की सीबीआई जांच कराने पर विचार किया जायेगा.
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ये बेहद गंभीर मुद्दा है. राज्य सरकार से सिफारिश आने पर इस मामले की सीबीआई जांच कराने पर विचार किया जायेगा.''
(इनपुट: भाषा)
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