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मध्य प्रदेश में कमलनाथ कैबिनेट का गठन हो चुका है. मंगलवार को 28 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली. इनमें एक निर्दलीय, दो महिला और एक मुस्लिम विधायक भी शामिल हैं. जिन 28 मंत्रियों ने शपथ ली है, उनमें से छह विधायक पहले भी मध्य प्रदेश विधानसभा में मंत्री रह चुके हैं, जबकि 22 विधायक पहली बार मंत्री बने हैं.
मंत्रियों की लिस्ट कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ लंबे विचार-विमर्श के बाद फाइनल की गई है. मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह गुट के विधायकों को परफॉर्मेंस के आधार पर शामिल किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, कमलनाथ गुट से 10, दिग्विजय सिंह गुट से 7 और ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट से 6 विधायकों को मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा तीन मंत्री ऐसे हैं, जो दिग्विजय सिंह और कमनाथ दोनों के करीबी हैं और दो मंत्री वो हैं, जिनके तीनों ही नेताओं से अच्छे संबंध हैं.
पूर्व में मंत्री रह चुके जिन विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, उनमें डॉ. गोविन्द सिंह, बाला बच्चन, आरिफ अकील, सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ और हुकुम सिंह कराड़ा शामिल हैं.
साल 1993 से 2003 के बीच वाली दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में ये सभी मंत्री रह चुके हैं.
वहीं, जो 22 विधायक पहली बार मंत्री बने हैं, उनमें तुलसी सिलावट, डॉ. प्रभु राम चौधरी, बृजेन्द्र सिंह राठौर, प्रदीप जायसवाल, लाखन सिंह यादव, गोविन्द सिंह राजपूत, इमरती देवी, ओमकार सिंह मरकाम, प्रियव्रत सिंह, सुखदेव पानसे, उमंग सिंघार, हर्ष यादव, जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, पी सी शर्मा, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सचिन यादव, सुरेन्द्र सिंह बघेल और तरूण भनोत शामिल हैं.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहली बार विधायक बने किसी भी सदस्य को अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया है.
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