मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चिदंबरम की जमानत याचिका पर CBI को नोटिस, 15 अक्टूबर को सुनवाई

चिदंबरम की जमानत याचिका पर CBI को नोटिस, 15 अक्टूबर को सुनवाई

हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
i
हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
(फाइल फोटो: PTI) 

advertisement

आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया है. सीबीआई से 15 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है. चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था. बता दें कि चिदंबरम के वकील ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई की मांग की थी.

इससे पहले याचिका दायर होने के बाद जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि चिदंबरम की जमानत याचिका को लेकर सीजेआई तय करेंगे कि सुनवाई शुक्रवार को होगी या नहीं. जिसके बाद अब मामले को 15 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हाईकोर्ट से खारिज हुई याचिका

इससे पहले पी चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी. जमानत याचिका में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने दावा किया था कि उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई दुभार्वनापूर्ण है और ये ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ की वजह से की गई है. लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. इस दौरान CBI ने पूर्व वित्त मंत्री की जमानत अर्जी पर अपने जवाब में कहा कि चिदंबरम को जमानत देने से भ्रष्टाचार के मामलों में गलत परिपाटी तय होगी क्योंकि ये जनता के साथ विश्वासघात का एक स्पष्ट मामला है.

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम फिलहाल न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें आईएनएक्स मीडिया मामले में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था. कई दिनों तक सीबीआई की कस्टडी में रहने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था.

क्या हैं आरोप?

INX मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि की प्राप्ति के लिए FIPB की मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. उस वक्त (2007 में) चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे. बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी 2017 में इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया. चिदंबरम 2004 से 2014 के बीच यूपीए सरकार के दौरान केद्रीय वित्त मंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के पदों पर रहे थे. उन पर गैर कानूनी तरीके से इस कंपनी को एफडीआई की मंजूरी देने का आरोप लगा था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 03 Oct 2019,01:17 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT