advertisement
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इशरत जहां मामले को लेकर एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधा है. बीजेपी ने मंगलवार को सवाल उठाते हुए कहा है कि तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिंदबरम ने इशरत जहां मामले में साल 2009 में दूसरे हलफनामे में बात बदलने का फैसला आखिर किसके प्रभाव में आकर लिया था.
बीजेपी प्रवक्ता ने कांग्रेस पर राजनीतिक फायदे के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे से समझौता करने का आरोप लगाया है.
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने तो ये भी कहा कि कांग्रेस नरेंद्र मोदी पर हमला करने आए आतंकियों को बचाने की कोशिश कर रही थी.
मुंबई के एक कॉलेज की छात्रा इशरत जहां और उसके तीन कथित सहयोगियों प्रणेश गोपीनाथ पिल्लई, अमजद अली और जीशान गौहर को गुजरात पुलिस ने 15 जून, 2004 को अहमदाबाद में एक कथित मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था. गुजरात पुलिस ने चारों को पाकिस्तान के एक आतंकवादी संगठन का सदस्य करार दिया था, जो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर से गुजरात आए थे.
इस साल फरवरी में लश्कर-ए-तैयबा के पूर्व आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने मुंबई की एक अदालत के सामने कबूल करते हुए कहा था कि इशरत जहां पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सदस्य थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined